नल-जल की धार में लड़खड़ाई मुखिया जी की चुनावी नैया: बिक्रम की सभी 16 पंचायतों की चुनावी बिसात; शौचालय, पीएम आवास और योजनाओं में घूसखोरी बड़ा मुद्दा

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बिक्रमएक घंटा पहलेलेखक: ब्रज किशोर दूबे/आस नारायण

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बिक्रम प्रखंड में स्वास्थ्य उपकेंद्र का हाल बदहाल।

राजधानी से 30 किमी दूर बिक्रम प्रखंड की सभी 16 पंचायतों में चुनावी राजनीति चरम पर है। गांव-गांव में जिला परिषद और मुखिया उम्मीदवारों के बैनर-पोस्टर लग चुके है। जगह-जगह गांव की बैठका पर सतरंज की तरह राजनीति की बिसात बिछ रही है। इन सब के बीच प्रखंड के ग्रामीण इलाकों में राजनीतिक प्रभाव डालने की चर्चा आम है।

सभी लोग दबी जुबान 10 पंचायतों में पार्टी विशेष के राजनीतिक प्रभाव की चर्चा कर रहे हैं। इसमें विधानसभा चुनाव के दौरान महागठबंधन और एनडीए को समर्थन देने वाले मुखिया के सपोर्ट की बात भी चल रही है। हालांकि, वोटरों के मन- मिजाज पर इसका कितना असर होगा, यह 10 और 11 अक्टूबर को मतगणना के बाद ही स्पष्ट होगा।

बिक्रम के शहीद चौक स्थित चाय की दुकान पर चुनाव की चर्चा करने वाले मुखिया को बदलने बात कर रहे थे। यहां से सबसे नजदीक गोरखरी पंचायत के लोग का दर्द नल का जल नहीं मिलना है। मंटू राय ने कहा कि पाइप बिछा दिया गया है। लेकिन, पीने के लिए पानी नहीं मिलता है। अराप पंचायत के झुलन पासवान ने कहा कि इंदिरा आवास के लिए 10 हजार रुपए मांग जा रहा है। यहां मौजूद उप मुखिया ने कहा कि ब्लॉक में बैठे पदाधिकारी ले रहे हैं। मोरियावां शिवगढ़ पंचायत के लोगों का दर्द शौचालय नहीं मिलने का है।

  • लोगों का दर्द..पाइप बिछा लेकिन पीने के लिए नहीं मिल रहा पानी

निवर्तमान प्रतिनिधि विकास के दावे पर मांग रहे वोट : विरोधी उनकी कमियों की खोल रहे पोल

कनपा में स्वास्थ्य केंद्र, इलाज के जाना पड़ता है बाजार

विक्रम प्रखंड के सैदाबाद कनपा पंचायत में स्वास्थ्य उपकेंद्र है। इस केंद्र पर प्रतिनियुक्त डॉक्टर नहीं आते हैं। यह केंद्र नहीं खुल रहा है। स्वास्थ्य केंद्र के बगल में रहने वाले लाल बाबू, देव प्रसाद सहित अन्य बुजुर्ग महिला-पुरुष का सबसे बड़ा दर्द केंद्र का नहीं खुलना है। लाल बाबू ने कहा कि हमलोगों के टोला नल का जल नहीं है।

फसलों की सरकारी खरीद न होना भी बड़ा मुद्दा

दतियाना पंचायत के नवीन कुमार, शैलेंद्र कुमार, उपेंद्र कुमार का दर्द गेहूं की सरकारी दर पर खरीद नहीं होने, नगहर पंचायत के इंद्रजीत राय का दर्द नल-जल, रविद्र यादव का दर्द पीएम आवास और शौचालय नहीं बनने को लेकर है। पतूत पंचायत के मिथिलेश सिंह, का दर्द सार्वजनिक शौचालय का पूरा नहीं होना आदि है।

मुखिया पर सबकी निगाह

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सबकी निगाह मुखिया पद के प्रत्याशियों पर टीकी है। इस पद के लिए राजनीतिक हस्तक्षेप के साथ लोगों की नाराजगी भी सामने आ रही है। लेकिन, जिला परिषद सदस्य सहित पंचायत समिति सदस्य, सरपंच और पंच को लेकर खास चर्चा नहीं है। लोगों के मन में सबसे अधिक आक्रोश हर घर नल का जल, शौचालय, आवास योजना में धांधली को लेकर है। नली और गली की समस्या भी है। इनको लेकर निवर्तमान जनप्रतिनिधियों से लोगों की नाराजगी है।

वार्ड सदस्य के लिए बढ़ी दिलचस्पी
सरकार ने हर घर नल का जल पहुंचाने का कार्य वार्ड सदस्य को दिया है। इसके बाद वार्ड सदस्य पद के लिए लोगों की दिलचस्पी बढ़ गयी है। मुखिया अपने लोगों को वार्ड का चुनाव लड़ा रहे हैं। कारण, पंचायती राज विभाग के द्वारा पंचायत के खाते में हर घर नल का जल पहुंचाने के लिए राशि भेजी गयी। मुखिया के द्वारा वार्ड सदस्य के खाते में राशि का वितरण किया गया।

चुनाव कार्यक्रम

16 से 22 सितंबर – नामांकन 25 सितंबर – स्क्रूटिनी 27 सितंबर – नाम वापसी, चिह्न आवंटन 8 अक्टूबर – मतदान 10 और 11 अक्टूबर – मतगणना

स्मार्ट फोन बना सहारा

प्रतिद्वंदी को मात देने के लिए प्रत्याशी योजनाओं के लिए आवंटित राशि और खर्च के बारे में लोगों को स्मार्ट फोन के जरिये बता कर अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। यानी यह जताने की कोशिश है कि पैसा तो उठाया लेकिन आपके काम नहीं हुए। वहीं, निर्वतमान पंचायत प्रतिनिधि विकास के दावे के सहारे वोट मांग रहे हैं।

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