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पटना31 मिनट पहले
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सरकार की ओर से पत्र जारी किया गया था कि 24 घंटे के अंदर वेतन का भुगतान किया जाए, लेकिन इसका पालन नहीं किया गया।
बिहार सरकार ने प्रारंभिक शिक्षकों को दशहरा में भी वेतन नहीं दिया। इनके परिवार में मायूसी छाई रही। दशहरा इसी मायूसी के बीच इन्होंने मनाया। सरकार की ओर से पत्र जारी किया गया था कि 24 घंटे के अंदर वेतन का भुगतान किया जाए, लेकिन यह आदेश हवा में रह गया। जानकारी है कि इस बीच बैंक आदि की बंदी की वजह से भी भुगतान में दिक्कत आई।
स्थायी शिक्षकों को सितंबर का भुगतान, नियोजित को अगस्त का भी नहीं
प्राइमरी स्कूल के स्थायी शिक्षकों को सितंबर का वेतन मिल गया, लेकिन नियोजित शिक्षकों को अगस्त का भी वेतन नहीं मिला। इनकी संख्या लगभग तीन लाख 26 हजार है। इनमें 2 लाख 60 हजार शिक्षकों के वेतन की 60 फीसदी राशि केन्द्र सरकार देती है। बिहार सरकार 40 फीसदी देती है। केन्द्र सरकार देर से देती है तो राज्य सरकार अपनी ओर से दे देती है। 2 लाख 60 हजार के अलावा 66 हजार को वेतन बिहार सरकार देती है। इन नियोजित शिक्षकों को भी वेतन भुगतान नहीं किया गया।
इस तरह जारी की गई राशि लेकिन…
सरकार ने दो लाख 60 हजार नियोजित शिक्षकों को वेतन मद में 784 करोड़ रुपए आवंटित किया और राशि प्राप्त होने के 24 घंटे के अंदर शिक्षकों के खाता में भेजने को कहा। 5 अक्टूबर को राज्य परियोजना निदेशक ने राज्य के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों और जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को अगस्त माह के वेतन के लिए पत्र जारी की। इस पत्र में भी कहा गया कि राशि प्राप्ति के 24 घंटे के अंदर वेतन भुगतान कर राज्य कार्यालय को सूचित करें। समग्र शिक्षा अभियान अंतर्गत कार्यरत प्रारंभिक शिक्षकों का माह अगस्त 2021 के वेतन भुगतान के लिए राशि 9 अरब 10 करोड़ 69 लाख 58 हजार 464 रुपए उपलब्ध कराए गए।
इसे ही कहते हैं सेक्यूलर सरकार! – संघ
TET-STET उत्तीर्ण शिक्षक नियोजित संघ, गोपगुट बिहार के प्रवक्ता अश्विनी पांडेय ने कहा है कि बिहार सरकार हमेशा से नियोजित शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार करती आई है। बिहार के नियोजित शिक्षकों को कभी भी समय पर वेतन नहीं मिलता है, जबकि नियमित या स्थायी शिक्षकों को सितंबर तक का वेतन भुगतान किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार सही में सेक्यूलर है, क्योंकि यह सरकार न छठ में, न दिवाली में, न दशहरा में न ही ईद और बकरीद में समय से वेतन देती है। सरकार समान काम के लिए समान वेतन देना तो दूर, अल्प वेतन पाने वाले नियोजित शिक्षकों को ससमय वेतन भी नहीं देती।
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