Home Bihar निर्देश: अफसरों से बाेलीं डिप्टी सीएम- योजनाएं बहुत बन गईं, उन्हें धरातल पर भी उतारें

निर्देश: अफसरों से बाेलीं डिप्टी सीएम- योजनाएं बहुत बन गईं, उन्हें धरातल पर भी उतारें

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निर्देश: अफसरों से बाेलीं डिप्टी सीएम- योजनाएं बहुत बन गईं, उन्हें धरातल पर भी उतारें

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पटना4 घंटे पहले

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उद्योग विभाग की समीक्षा बैठक में अफसरों को दिशा-निर्देश देतीं डिप्टी सीएम सह उद्योग मंत्री रेणु देवी।

  • रोजगार व स्वरोजगार सरकार की प्राथमिकता, लापरवाही पर होगी कार्रवाई

उपमुख्यमंत्री सह उद्योग मंत्री रेणु देवी ने विभाग के अधिकारियों से कहा कि सोना छोड़िए, योजनाएं बहुत बन चुकी हैं, उन्हें धरातल पर उतारने की जरूरत है। इसमें लापरवाही करने वाले अधिकारी और कर्मचारियों पर सरकार कार्रवाई करेगी। रोजगार व स्वरोजगार सरकार की प्राथमिकता में है। इस दिशा में उद्योग विभाग को काम करना है। वह सोमवार को विभाग की जिलावार समीक्षा बैठक को संबोधित कर रही थीं।

उन्होंने कहा कि राज्य में छोटे-छोटे उद्योग लगवाने की महती जिम्मेदारी जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधकों पर है। किस जिले में किस तरह के लघु और कुटीर उद्योग लग सकते हैं, उस पर काम होना चाहिए। आत्मनिर्भर भारत के साथ आत्मनिर्भर और विकसित बिहार की दिशा में काम करने की जरूरत है। मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति एवं जनजाति, अत्यंत पिछड़ा और सामान्य वर्ग उद्यमी योजना काफी अच्छी योजनाएं हैं। इनके लिए युवाओं को प्रेरित करने की जरूरत है।

उपमुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री सूक्ष्म एवं लघु उद्योग क्लस्टर विकास योजना, पीएसयू आधारित कलक्टर, जिला औद्योगिक नवप्रवर्तन योजना और राज्य निवेश प्रोत्साहन पर्षद की भी समीक्षा की। उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने अधिकारियों को कहा कि उद्यमियों की जो भी कठिनाई हाे रही है, उसे दूर करें। बैठक में उद्योग निदेशक पंकज कुमार सिंह, निदेशक नरेंद्र कुमार सिन्हा के साथ विभाग के अधिकारी और जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक भी उपस्थित थे।

कोराना काल में बाहर से लौटे कामगारों ने बेतिया में लगाई रेडीमेड गारमेंट्स यूनिट, अब कर रहे निर्यात
उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने बताया कि कोरोना और लॉकडाउन के कारण बाहर से लौटे प्रवासी कामगारों ने बेतिया में सरकार के सहयोग से रेडीमेड गारमेंट्स यूनिट लगाए हैं। यह काफी सफल है। इन यूनिटों के उत्पाद न केवल देश के दूसरे राज्यों में भेजे जा रहे हैं, बल्कि यहां से निर्यात भी शुरू हो गया है।

बेतिया के रेडीमेड गारमेंट्स बंगलादेश के साथ लद्दाख और दिल्ली भी भेजे जा रहे हैं। इससे एक तरफ जहां इन कामगारों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है, वहीं करीब 300 लाेगाें काे प्रत्यक्ष एवं 150 लाेगाें काे अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी मिला है।

इसमें लगे सारे कामगार सूरत और गुजरात के अन्य शहराें में काम करते थे। स्किल मैपिंग के समय उनके बारे में सरकार को जानकारी मिली थी। कहा- बेतिया में प्रवासी कामगारों द्वारा लगाए गए 27 यूनिट में उत्पादन शुरू हो गया है। अभी 44 यूनिट और लगेगी। अब तो लुधियाना से बिहार यूनिट शिफ्ट करने की तैयारी में कई उद्यमी हैं। यहां के उत्पाद सस्ता होने से मांग बढ़ रही है।

बेतिया में एक डाइंग यूनिट लगाने की है जरूरत
उपमुख्यमंत्री के सामने बेतिया जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधन ने कामगारों की कुछ मांगों के बारे में बताया। कहा कि अभी रॉ मेटेरियल्स मुंबई और सूरत से मंगाए जा रहे हैं। उनके सामने डाइंग की समस्याएं है। बेतिया में एक डाइंग यूनिट लगाने की जरूरत है।

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