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- Now Emergency Button In Buses For The Safety Of Women, Alarm Will Sound In The Control Center On Pressing It As Soon As The Danger Is Felt
पटना19 मिनट पहले
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कंट्रोल सेंटर से लाइव मॉनिटरिंग के लिए बसों में ट्रैकिंग डिवाइस भी लगेगा।
सार्वजनिक परिवहन के वाहनों के लोकेशन की लाइव ट्रेकिंग के लिए परिवहन विभाग मुख्यालय में कमांड एंड कंट्रोल सेंटर चालू हो गया है। इसका उद्घाटन मंगलवार को परिवहन मंत्री शीला कुमारी ने परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल की उपस्थिति में किया। इस दौरान उन्होंने कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से बस की लाइव ट्रैकिंग का अवलोकन किया।
मंत्री ने कहा कि सार्वजनिक परिवहन के वाहनों में महिलाओं और यात्रियों की सुरक्षा के लिए व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस और इमरजेंसी बटन लगाना अनिवार्य किया गया है। इससे वाहनों की कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के जरिए लाइव मॉनिटरिंग की जा सकेगी।
परिवहन सचिव ने बताया कि निर्भया फ्रेमवर्क के तहत इसकी व्यवस्था की गई है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पटना से इस नई व्यवस्था की शुरुआत की गई है। इसके बाद अन्य शहरों में संचालित सार्वजनिक परिवहन के वाहनों (बस, टैक्सी) में भी लगाया जाएगा।
1 अगस्त तक सभी प्राइवेट बसाें में भी लगाना हाेगा वीएलटीडी
- 1 जनवरी 2019 के बाद पंजीकृत सभी सार्वजनिक परिवहन के वाहनों में वीएलटी उपकरण लगे आ रहे हैं। उससे पहले पंजीकृत सभी सार्वजनिक वाहनों में वीएलटीडी और इमरजेंसी बटन लगाना अनिवार्य किया गया है। 1 अगस्त 2022 तक प्राइवेट बसों में भी इसे लगाना अनिवार्य हो जाएगा। { स्कूली छात्र-छात्राओं की सुरक्षा के लिए भी स्कूल बसों में पैनिक बटन लगाने का निर्देश दिया जाएगा। सार्वजनिक परिवहन की गाड़ियों (बस, कैब, टैक्सी) से सफर करने वाली महिलाओं या लड़कियों को किसी तरह के खतरे का आभास होने पर इमरजेंसी बटन दबाते ही कंट्रोल कमांड सेंटर में अलार्म बजेगा और तत्काल पुलिस मदद के लिए पहुंचेगी।
ट्रैकिंग डिवाइस से ओवर स्पीडिंग रोकने में भी मिलेगी मदद
- व्हीकल लोकेशन ट्रेकिंग डिवाइस द्वारा इमरजेंसी अलर्ट, ओवर स्पीडिंग और उपकरण के साथ छेड़छाड़ या तोड़े जाने पर भी अलर्ट प्राप्त हो सकेगा। जियो फैंसिंग और सॉफ्टवेयर के माध्यम से वाहन के हर मूवमेंट को मैप पर देखा जा सकेगा।
- वाहन मालिक भी सॉफ्टवेयर द्वारा अपने वाहनों की स्थिति का पता कर सकते हैं। इसके माध्यम से अपराध नियंत्रण और ओवर स्पीडिंग को रोकने में भी मदद मिलेगी। बस यदि निर्धारित स्पीड से अधिक स्पीड पर चलेगी तो वह पकड़ में आ जाएगा और वैसे चालकों पर कार्रवाई हाे सकेगी।
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