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पटना7 घंटे पहले
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रामकृपाल ने नीति आयोग की रैकिंग को स्पष्ट करते हुए कहा कि अपनी राजनीति के चक्कर में विपक्ष बिहार की छवि खराब कर रहा है।
नीति आयोग की रिपोर्ट ने बिहार में विपक्ष को सरकार पर सियासी हमले का मजबूत आधार दे दिया है। राजद से लेकर कांग्रेस राज्य सरकार पर चौतरफा हमले कर रही है। जदयू ने बचाव के लिए एक बार फिर से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग शुरू कर दी है। अब 2 दिन बाद इस पूरे मामले पर भाजपा ने नया तर्क दिया है। इस नए तर्क को सामने लेकर आए हैं भाजपा के सांसद रामकृपाल यादव।
रैकिंग में 4 अंक उपर चढ़ा है बिहार, आकांक्षी से बना परफॉर्मर स्टेट
रामकृपाल यादव की मानें तो नीति आयोग की रिपोर्ट को बिहार के संदर्भ में गलत तरीके से समझा गया है। उनके मुताबिक नीति आयोग ने 2 दिन पहले जो रिपोर्ट जारी की है, उसमें बिहार की रैकिंग असल में बेहतर हुई है।
भाजपा नेता के मुताबिक 2018 में बिहार को नीति आयोग के विकास लक्ष्य इंडेक्स में 48 अंक मिला था, जबकि 2021 में 4 अंक बढकर अब उसे 52 अंक मिला है। इस तरह से बिहार आकांक्षी राज्यों से उपर बढ़कर परर्फामर राज्य की श्रेणी में आ गया। 2018 में केवल बिहार, उतरप्रदेश और आसाम आकांक्षी राज्य में शामिल थे। बाकी राज्य या तो परर्फामर या फ्रंट रनर की श्रेणी में थे। 2019-20 और 2020-21 से बिहार आकांक्षी राज्यों की श्रेणी से छलांग लगाकर परर्फामर की श्रेणी में शामिल है।
बीमारू और अविकसित राज्य की श्रेणी से बाहर आ रहा है बिहार
रामकृपाल यादव ने कहा कि अपनी राजनीति के चक्कर में विपक्ष के लोग बिहार की छवि देश में खराब कर रहे हैं। बिहार बीमारू और अविकसित राज्य की श्रेणी से बाहर आ रहा है। रामकृपाल ने नीति आयोग रैकिंग को स्पष्ट करते हुए बताया है कि इसमें 0-49 अंक लाने पर आकांक्षी, 50-64 अंक लाने पर परर्फामर, 65-99 अंक लाने वाले राज्यों को फ्रंट रनर और 100 अंक लाने वाले राज्यों को सफल की कैटेगरी में रखा जाता है। इसी आधार उन्होंने बिहार को 52 अंक के साथ परफॉर्मर स्टेट बताया है।
विपक्ष ने नीतीश के विकास के दावों पर उठाए थे सवाल
नीति आयोग की रिपोर्ट जारी होने के बाद से ही विपक्ष में बैठी पार्टियों ने सरकार पर हमले शुरू कर दिए थे। दिल्ली से बिहार की सियासत पर लगातार नजर बनाए लालू यादव ने भी सरकार पर बयानों की बौछार कर दी थी। विपक्ष के इन हमलों से बचने के लिए जदयू ने एक बार फिर से विशेष राज्य के दर्जे की मांग शुरू की। एक के बाद एक जदयू के कई नेताओं ने सामने आकर इस रिपोर्ट में मिली रैंकिंग के आधार पर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग शुरू कर दी। भाजपा के विधायक ज्ञानेन्द्र सिंह ज्ञानू ने तो नीति आयोग की रिपोर्ट पर सवाल खड़े कर इसे स्पष्ट करने की मांग की थी।
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