Home Bihar नीतीश से PK दूर-दूर, 4 घटनओं से समझिए संबंध: कई घटनाओं को लेकर नीतीश कुमार से हैं खफा, PK को अब नहीं है CM पर भरोसा

नीतीश से PK दूर-दूर, 4 घटनओं से समझिए संबंध: कई घटनाओं को लेकर नीतीश कुमार से हैं खफा, PK को अब नहीं है CM पर भरोसा

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नीतीश से PK दूर-दूर, 4 घटनओं से समझिए संबंध: कई घटनाओं को लेकर नीतीश कुमार से हैं खफा, PK को अब नहीं है CM पर भरोसा

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पटना24 मिनट पहलेलेखक: बृजम पांडेय

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजनीति के रणनीतिकार प्रशांत किशोर के रिश्ते आपस में कैसे हैं? यह वह दोनों ही बता सकते हैं, लेकिन गाहे-बगाहे दोनों आपस में मुलाकात करते हैं और बताया जाता है कि उन लोगों व्यक्तिगत संबंध है। इसलिए इसे राजनीति से ना जोड़ा जाए। पिछले 2 दिन से प्रशांत किशोर पटना में है लेकिन, वह सीएम नीतीश कुमार से मिलने नहीं जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि वह आगे भी सीएम नीतीश कुमार से मिलने नहीं जाएंगे। जबकि सीएम नीतीश कुमार को इस बात का इंतजार है प्रशांत किशोर उनसे मिलने जरूर जाएंगे। सूत्रों के मुताबिक ऐसी कई वजह हैं जिससे प्रशांत किशोर नीतीश कुमार से मिलने से बच रहे हैं। चूंकि प्रशांत किशोर ने अपनी राजनैतिक मंशा जाहिर कर दी है। ऐसे में अब जो भी कदम उठा रहे हैं सोची समझी रणनीति के तहत ही उठा रहे हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले दिनों ही जब दिल्ली गए थे तो उनकी मुलाकात प्रशांत किशोर से हुई थी। यह मुलाकात बेहद गोपनीय रखने की बात कही गई थी, लेकिन मुख्यमंत्री बाहर आए और उन्होंने प्रशांत किशोर के साथ हुई मीटिंग का खुलासा कर दिया। मुलाकात को सार्वजनिक कर देने के बाद से कई कहानियां बनने लगती हैं। नीतीश कुमार अपनी राजनीतिक रोटी फिलहाल सेंक लेते हैं। एनडीए के दूसरे घटक दलों को इससे दिक्कत होती है उसके बाद सीएम नीतीश कुमार की पूछ ज्यादा बढ़ जाती है।

ऐसी 4 घटनाएं हैं जिसको लेकर प्रशांत किशोर खुद के दिल को ठेस पहुंचा है। भले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यह कहते हो कि प्रशांत किशोर से उनका व्यक्तिगत संबंध है, लेकिन जब उनको पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया था, पार्टी में शामिल होने से लेकर पार्टी से निकाले जाने तक जो एपिसोड था। उसको लेकर प्रशांत किशोर दुखी हैं।

1- जब PK को जेडीयू का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया था और पटना विश्वविद्यालय में छात्र संघ का इलेक्शन हुआ था। जिसको लेकर पीके यूनिवर्सिटी में अपनी रणनीति बना रहे थे। तब ABVP के दबाव में बीजेपी ने प्रेशर डालकर सीएम नीतीश कुमार से प्रशांत किशोर को उस चुनाव से अलग-थलग कर दिया था।

2 – वही, जब प्रशांत किशोर ने जेडीयू छोड़ी, उसके बाद नीतीश कुमार आग बबूला हो गए। उन्होंने प्रशांत किशोर को तुम-तड़ाका करते हुए यह कहा कि अमित शाह के कहने पर उन्होंने प्रशांत किशोर को अपनी पार्टी में लिया था। हालांकि इस घटना के बाद अमित शाह ने इसकी निंदा की थी।

3- 2019 के लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर को कोई भी काम नहीं दिया। प्रशांत किशोर ठहरे रणनीतिकार ऐसे में उनके दिल को ठेस पहुंचा था।

4- अगली घटना तब हुई तब हुई जब कांग्रेस नेता शाश्वत गौतम में प्रशांत किशोर पर आइडिया और कंटेंट चुराने का केस किया था। इस केस में जेडीयू ने शाश्वत गौतम का साथ दिया था। बताया जाता है कि केस की मॉनिटरिंग सीएम हाउस से हो रही थी।

छोटी मोटी ऐसी कई घटनाएं हैं जिसको लेकर प्रशांत किशोर का दिल नीतीश कुमार से भर गया है। अब वह उन गलियों में दोबारा नहीं जाना चाहते हैं जिसको वह छोड़कर आगे निकल गए हैं। हालांकि 2020 बिहार विधानसभा के चुनाव में हुई जेडीयू की फजीहत के बाद नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर से अपने संबंध सुधारने की भरसक कोशिश की लेकिन, रिश्तों के धागों में एक बार जब गांठ बन जाए उसे थी नहीं किया जा सकता।

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