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पटना2 घंटे पहले
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पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी
पंचायत चुनाव लड़ने वालों के लिए राज्य सरकार ने कोरोना का टीका अनिवार्य करने का निर्णय लिया है। राज्य निर्वाचन आयोग को इसके लिए दिशा-निर्देश जारी करना है। लेकिन अब कहा जा रहा है कि चुनाव लड़ने वालों के लिए कोरोना टीका की अनिवार्यता के लिए भी पंचायती राज एक्ट में संशोधन करना पड़ सकता है। राज्य निर्वाचन आयोग के सूत्रों के अनुसार वर्ष 2016 के पंचायत चुनाव के पहले सरकार ने निर्णय लिया था कि जिनके घर में शौचालय नहीं होगा, वे चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। इसके लिए एक्ट में प्रावधान किया गया था। हालांकि, बाद में चुनाव के ठीक पहले सरकार ने इसे वापस ले लिया था। कोरोना टीका की अनिवार्यता के लिए भी एक्ट में संशोधन करना पड़ सकता है। आने वाले दिनों में इस पर निर्णय हो सकता है। उसके आधार पर ही आयोग दिशा-निर्देश जारी करेगा।
सितंबर-अक्टूबर में चुनाव संभावित : राज्य में पंचायत चुनाव सितंबर-अक्टूबर में संभावित है। ईवीएम की अनुपलब्धता और कोरोना की दूसरी लहर के कारण राज्य में पंचायत चुनाव समय पर नहीं हो पाया। फिलहाल, पंचायतों के संचालन के लिए सरकार ने परामर्शी समिति का गठन किया है। चुनाव होने तक यह समिति काम करेगी। राज्य चुनाव आयोग ने इसे लेकर तैयारी भी शुरू कर दी है।
सरकार के निर्णय को ध्यान में रख जारी हो गाइडलाइन
पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा है कि पंचायत चुनाव लड़ने के लिए कोरोना का टीका लगवाना अनिवार्य होगा। सरकार के इस निर्णय को ध्यान में रखकर ही आयोग गाइडलाइन जारी करेगा। कहा जा रहा है कि नामांकन के दौरान शपथ पत्र के साथ कोरोना टीका का प्रमाण पत्र देना पड़ सकता है। आयोग ने अभी इसे लेकर कोई निर्देश नहीं दिया है।
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