पटना के गंगा घाट पर ही 4 दिन का महापर्व: पाटिल पुल घाट पर ही सो रहे, यहीं नहा रहे और यहीं छठ कर रहे 12 परिवार

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पटना14 मिनट पहलेलेखक: प्रणय प्रियंवद

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पाटिल पुल घाट पर छठ महापर्व का प्रसाद बनातीं परिवार की महिलाएं।

पटना के दीघा में पाटिल पुल घाट पर पटना के आसपास और पटना के बाहर के कई व्रती जिला प्रशासन के शेड में आकर ठहरे हुए हैं। इसमें व्रतियों के परिवार बाकी लोग भी रह रहे हैं। बच्चे भी हैं। यानी, पूरा परिवार यहां आकर छठ मना रहा है। नहाय खाय से ये लोग यहीं रह रहे हैं। यहीं सो रहे हैं और सबसे बड़ी बात कि छठ की पूरी तैयारी घाट किनारे ही कर रहे हैं। व्रती ठेकुआ भी घाट किनारे बना रही हैं।

फुलवारी शरीफ की अर्चना यहां इसलिए व्रत कर रही हैं कि क्योंकि ये उनकी मनौती (मन्नत) है। वे 5 साल यहां गंगा घाट किनारे छठ करेंगी। मनौती पूरी हो गई तो आगे भी करेंगी। उनके पति भी उनके साथ व्रत करने यहां आए हैं। वहीं, इंदु देवी की मनौती पूरी हो गई है। वह बताती हैं कि उनके पति को बीमारी हो गई थी और वे चल नहीं पा रहे थे। छठी मईया से मनौती मांगने के बाद पति ठीक हो गए। इंदु इसलिए गंगा घाट किनारे छठ करने आई हुई हैं।

छठी मईया ने नाती-नातिन दे दी, खुशी में छठ कर रहीं

बसंती देवी बताती हैं कि वे पाली से आई हैं। उनकी मनौती पूरी हो गई है। उनको नाती-नातिन हुए हैं। इसलिए उनकी खुशी का ठिकाना नहीं है। इसके लिए उन्होंने छठी मईया से मनौती मांगी थी। गीता देवी कहती हैं कि वे गया से आई हैं। उन्होंने छठी मईया से मनौती मांगी थी कि अगर भतीजा दे देंगी तो पटना में गंगा घाट किनारे रहकर छठ करेंगे। इसलिए, नहाय-खाय के दिन से ही पाटली घाट पर रहकर छठ कर रहे हैं।

एक दर्जन परिवार गंगा किनारे मना रहा छठ

ऐसे ही 12 परिवार पटना के दीघा में गंगा किनारे छठ मना रहे हैं। गंगा में स्थान, गंगा के जल से प्रसाद बनाना और गंगा में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य। परिवार के खाने का इंतजाम भी यहां इन लोगों ने किया है। 8 नवंबर से लेकर 11 नवंबर तक चार दिन गंगा घाट किनारे रहकर कई परिवार छठ मना रहे।

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