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पटना3 घंटे पहले
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हाई कोर्ट बिहार में कोरोना से बचाव के सरकारी प्रयासों पर लगातार सुनवाई कर रहा है।
पटना हाईकोर्ट ने शुक्रवार को तीन महत्वपूर्ण निर्देश बिहार सरकार को दिए हैं। सभी कोरोना से निपटने को लेकर सरकारी प्रयासों पर चल रही सुनवाई के दौरान दिए गए हैं। हाई कोर्ट के जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह व मोहित कुमार शाह की खंडपीठ इस मामले की लगातार सुनवाई कर रही है। कोर्ट ने आज राज्य सरकार से कहा है कि सोमवार तक बिहटा के ESIC में कम से कम 150 बेड की शुरुआत होनी चाहिए। साथ ही IGIMS में निर्बाध ऑक्सीजन सप्लाई के लिए क्रायोजेनिक टंकी स्थापित करें और PMCH से इसकी कालाबाजारी होने के अंदेशे की जांच करें। इस मामले की अगली सुनवाई 3 मई को सुबह 11 बजे से होगी।
कोर्ट के तीन निर्देश यह रहे;
- 500 बेड की क्षमता वाले बिहटा के ESIC में वर्तमान में सिर्फ 60 बेड पर कोविड मरीज भर्ती हैं। ऑक्सीजन की कमी व जांच लैबोरेटरी नहीं होने के कारण बेड की संख्या नहीं बढ़ पाई है। आगामी सोमवार तक कोविड मरीजों के लिए 150 बेड और उसी अनुपात में निर्बाध ऑक्सीजन आपूर्ति शुरू हो। लैबोरेटरी व दवाखाने को भी अगले हफ्ते तक शुरू करने का निर्देश दिया गया है।
- IGIMS अस्पताल परिसर में ही नियमित ऑक्सीजन सप्लाई के लिए दो महीने के अंदर क्रायोजेनिक टंकी स्थापित करें।
- पटना में ऑक्सीजन की कालाबाजारी हो रही है या नहीं, इसकी जांच तीन सदस्यीय एक्सपर्ट कमिटी से करवा कर सोमवार तक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश।
PMCH में ज्यादा खपत से कालाबाजारी का अंदेशा
सुनवाई के दौरान कोर्ट का ध्यान इस तथ्य की ओर गया कि NMCH के मुकाबले कम कोरोना मरीज भर्ती होने बावजूद PMCH में रोजाना ऑक्सीजन खपत ज्यादा हो रही है। इस जानकारी से कोर्ट को संदेह हुआ कि कहीं PMCH में ऑक्सीजन की कालाबाजारी तो नहीं हो रही। इस बाबत तीन सदस्यीय एक्सपर्ट कमिटी से जांच का निर्देश दिया गया।
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