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- Farmers Doing Mustard Farming Leaving Traditional Farming, Farmers Of Katihar Took Out A Solution To Get Rid Of Oil Prices
कटिहार19 मिनट पहले
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आसमान छूते सरसों के तेल की कीमतों ने लोगों के पॉकेट का बजट बिगाड़ डाला हैं । ऐसे में कटिहार के किसानों ने इससे निजात पाने का उपाय ढूंढ निकाला हैं । कटिहार के किसान अब बड़े पैमाने पर सरसों की खेती कर रहे हैं । खास बात तो यह हैं कि यह किसान पहले खेतों में धान , गेहूँ , मक्का जैसे परंपरागत क्रॉप लगाते थे ।
कटिहार के किसान इन दिनों सरसों की खेती में जुटे हैं । दरअसल , किसानों के सरसों की खेती के पीछे आसमान छूती महँगाई हैं । खाद्य तेलों के कीमतें इतनी बढ़ गयी हैं कि इस कीमतों ने लोगों का जीना हराम कर दिया हैं । खुले बाजारों में 910 ग्रामों वाला एक लीटर 190 रुपये में आ रहा हैं और एक लीटर सरसों तेल में पाँच – सात आदमी वाले परिवार में बचते – बचाते पाँच से छह दिनों में यह खत्म हो जाता हैं। महीने के एक हजार रुपये सिर्फ खाद्य तेलों पर खत्म हो जाते हैं , लिहाजा परेशान किसानों ने अब दोबारा खेतों की ओर रुख अख्तियार कर लिया हैं और खेतों में बड़े पैमाने पर सरसों की खेती कर रहे हैं।
किसान शिवशंकर मण्डल बताते हैं कि इस बार एक एकड़ में सरसों की खेती की है जिसपर करीब दस हजार रुपये का खर्च आया हैं । यदि सब कुछ ठीक ठाक रहा तो घर मे लगने वाले सालों भर के सरसों तेल निकालने के बाद भी लागत खर्च निकल जायेगा और उसके ऊपर भी थोड़े फायदे भी होंगे । किसान शिवशंकर मंडल बताते हैं कि पहले वह लोग ट्रेडिशनल क्रॉप खेतों में लगाते थे लेकिन अब उन सभी ने इससे तौबा कर लिया हैं और सरसों खेती की ओर मुड़ गए हैं…….।
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