Site icon Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरें, Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से अमेरिका के बाहर निकलने की घोषणा की | U.S. Withdrawal from the World Health Organization (WHO) under Trump

Source : CNN

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से अमेरिका के बाहर निकलने की घोषणा की | U.S. Withdrawal from the World Health Organization (WHO) under Trump

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2020 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से अमेरिका के बाहर निकलने की घोषणा की। यह निर्णय विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के संदर्भ में लिया गया था, जब WHO और ट्रंप प्रशासन के बीच महामारी की शुरुआत से लेकर उसके प्रबंधन तक कई मुद्दों पर मतभेद उभरकर सामने आए थे।

1. WHO से बाहर निकलने के कारण

A. कोविड-19 के प्रबंधन पर आलोचना:

  • कोविड-19 के प्रारंभिक प्रबंधन में विफलता: ट्रंप प्रशासन ने WHO पर आरोप लगाया कि उसने महामारी की शुरुआत में उचित चेतावनी नहीं दी और इसकी गंभीरता को ठीक से पहचानने में विफल रहा।
  • चीन के प्रति पक्षपाती रवैया: ट्रंप का कहना था कि WHO ने चीन के प्रति पक्षपाती रवैया अपनाया और चीन की शुरुआती प्रतिक्रिया की प्रशंसा की, जबकि असल में चीन ने वायरस के फैलने को छिपाने की कोशिश की थी।
  • गलत सूचना का प्रसार: ट्रंप ने आरोप लगाया कि WHO ने शुरुआती दौर में वायरस के मानवों के बीच फैलने की संभावना को नकारा, जिससे वैश्विक स्वास्थ्य प्रयासों को नुकसान हुआ।

B. अमेरिकी वित्तीय योगदान पर असंतोष:

  • अमेरिका WHO का सबसे बड़ा वित्तीय योगदानकर्ता है, लगभग $400-500 मिलियन प्रति वर्ष। ट्रंप ने आरोप लगाया कि अमेरिका अपनी हिस्सेदारी से कहीं अधिक भुगतान कर रहा है, जबकि चीन जैसी अन्य प्रमुख देशों का योगदान न के बराबर है।
  • अप्रैल 2020 में ट्रंप ने WHO को अस्थायी रूप से वित्तीय सहायता रोकने का निर्णय लिया, यह कहते हुए कि संस्था को महामारी के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता है।

C. WHO में सुधार की मांग:

  • ट्रंप ने WHO से एक बड़े सुधार पैकेज की मांग की, जिसमें चीन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और वैश्विक स्वास्थ्य नीति में पारदर्शिता की जरूरत थी। उनका आरोप था कि WHO का संरचनात्मक ढांचा और निर्णय लेने की प्रक्रिया बहुत अनुशासनहीन और द्वेषपूर्ण है, विशेषकर चीन के प्रभाव के कारण।

D. अंतरराष्ट्रीय सहयोग की अनदेखी:

  • ट्रंप का यह भी मानना था कि WHO जैसे बहुपक्षीय संगठनों से अमेरिका को अधिक लाभ नहीं हो रहा और यह “अमेरिका फर्स्ट” नीति के खिलाफ था। उनके अनुसार, अमेरिका को अपनी स्थिति और संसाधनों के बारे में स्वतंत्र निर्णय लेने का अधिकार था।

2. प्रमुख घटनाओं का समयरेखा:

A. WHO को फंडिंग निलंबन (अप्रैल 2020):

  • ट्रंप ने अप्रैल 2020 में WHO को अस्थायी रूप से फंडिंग रोकने की घोषणा की, यह कहते हुए कि संगठन ने कोविड-19 महामारी के शुरुआती दिनों में गलत जानकारी दी और चीन के प्रभाव में रहा। उन्होंने कहा कि अमेरिका अपनी वित्तीय सहायता अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य परियोजनाओं में पुनः आवंटित करेगा, जो WHO से बाहर थीं।

B. औपचारिक निकासी की घोषणा (जुलाई 2020):

  • 6 जुलाई 2020 को ट्रंप प्रशासन ने औपचारिक रूप से WHO से बाहर निकलने का निर्णय लिया और यू.एन. और अमेरिकी कांग्रेस को इसकी सूचना दी। उन्होंने बताया कि यह निर्णय एक साल के नोटिस के बाद, यानी 6 जुलाई 2021 से लागू होगा।

C. WHO की प्रतिक्रिया:

  • WHO के अधिकारियों ने ट्रंप के इस निर्णय पर नाराजगी जताई। WHO के प्रमुख टेड्रोस अदहानोम घेबरेयेसस ने इसे अवसादजनक बताया और कहा कि वैश्विक महामारी के इस समय में देशों के बीच सहयोग की अधिक आवश्यकता थी। उन्होंने कहा कि WHO का उद्देश्य स्वास्थ्य के लिए वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देना था।

3. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ:

A. राष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ:

  • स्वास्थ्य विशेषज्ञों की आलोचना: अमेरिका के कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों और संस्थाओं ने ट्रंप के इस फैसले की कड़ी आलोचना की। उनका कहना था कि इस समय WHO से बाहर निकलना वैश्विक स्वास्थ्य प्रयासों को कमजोर करेगा और भविष्य में महामारी को नियंत्रित करने में मदद नहीं करेगा।
  • विपक्षी प्रतिक्रियाएँ: डेमोक्रेटिक नेताओं, जैसे नैन्सी पेलोसी और चक शुमर ने ट्रंप के निर्णय पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने इसे विनाशकारी और आत्म-निर्भर कदम बताया, जो अमेरिका की वैश्विक स्थिति को नुकसान पहुंचाएगा।

B. अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ:

  • वैश्विक नेताओं की चिंता: यूरोपीय संघ और अन्य देशों ने ट्रंप के फैसले पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यह वैश्विक सहयोग को कमजोर कर सकता है और महामारी से निपटने के प्रयासों को प्रभावित कर सकता है।
  • चीन की प्रतिक्रिया: चीन ने WHO का समर्थन करते हुए कहा कि इस समय वैश्विक सहयोग की आवश्यकता है, और सभी देशों को मिलकर काम करना चाहिए। चीन ने ट्रंप के आरोपों का खंडन किया, और कहा कि WHO ने वायरस को लेकर सही कदम उठाए हैं।

4. बाइडन प्रशासन के तहत पलटाव:

  • बाइडन ने फैसले को पलटा: जब जो बाइडन जनवरी 2021 में राष्ट्रपति बने, तो उन्होंने ट्रंप के इस फैसले को पलटते हुए WHO से अमेरिकी निकासी को रद्द कर दिया। बाइडन ने WHO को फिर से फंडिंग देना शुरू किया और वैश्विक स्वास्थ्य प्रयासों में अमेरिकी नेतृत्व को बहाल करने का वचन लिया।
  • वैश्विक नेतृत्व का पुनर्निर्माण: बाइडन प्रशासन ने WHO के साथ मिलकर वैक्सीनेशन और कोविड-19 से निपटने के उपायों में सहयोग को प्राथमिकता दी, साथ ही बहुपक्षीय संस्थाओं के साथ अमेरिका का सहयोग बढ़ाया।

5. निर्णय का दीर्घकालिक प्रभाव:

  • वैश्विक स्वास्थ्य के लिए चुनौती: ट्रंप का WHO से बाहर निकलने का निर्णय यह दर्शाता है कि वैश्विक स्वास्थ्य संस्थाएं राजनीतिक विवाद और किसी एक देश के प्रभाव से प्रभावित हो सकती हैं। यह भविष्य में वैश्विक स्वास्थ्य संकटों के लिए सहयोग और पारदर्शिता पर सवाल खड़ा करता है।
  • अमेरिका का वैश्विक नेतृत्व: यह कदम अमेरिकी नेतृत्व की अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में भागीदारी और वैश्विक जिम्मेदारी पर एक सवाल उठाता है। ट्रंप के फैसले ने अमेरिका को विश्व स्वास्थ्य प्रयासों से अलग कर दिया, जबकि बाइडन प्रशासन ने इसे फिर से सक्रिय किया।

यह निर्णय न केवल अमेरिका की विदेश नीति को प्रभावित करता है, बल्कि वैश्विक स्वास्थ्य संकटों से निपटने के लिए एक सामूहिक दृष्टिकोण की आवश्यकता पर भी जोर देता है। ट्रंप के फैसले ने WHO और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों की भूमिका पर गहरे सवाल उठाए, और बाइडन के फैसले ने इस सहयोग को फिर से मजबूत किया।

https://edition.cnn.com/2025/01/21/politics/trump-executive-action-world-health-organization-withdrawal

Exit mobile version