Home Bihar प्रशासन की चूक से रांची में भड़की हिंसा: प्रदर्शन की जानकारी होने के बाद भी कम फोर्स भेजे गए, भीड़ को समझने में फेल हुई पुलिस

प्रशासन की चूक से रांची में भड़की हिंसा: प्रदर्शन की जानकारी होने के बाद भी कम फोर्स भेजे गए, भीड़ को समझने में फेल हुई पुलिस

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प्रशासन की चूक से रांची में भड़की हिंसा: प्रदर्शन की जानकारी होने के बाद भी कम फोर्स भेजे गए, भीड़ को समझने में फेल हुई पुलिस

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रांचीएक मिनट पहले

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एकरा मस्जिद के बाहर जमा भीड़। - Dainik Bhaskar

एकरा मस्जिद के बाहर जमा भीड़।

रांची में जुमे की नमाज के बाद हिंसा भड़क गई। मंदिरों पर पत्थर फेंके गए। गाड़ियां तोड़ी गई। आगजनी की कोशिश की गई। इसमें बड़ी संख्या में पुलिस के जवान घायल हुए हैं। वहीं एक किशोर के मौत की भी सूचना है।

हालात ये थे कि भीड़ से बचने के लिए पुलिस वाले ही पनाह मांग रहे थे। इधर से उधर भाग रहे थे। वे अपने सीनियर ऑफिसर से खुद को बचाने के लिए फोर्स भेजने की गुहार लगा रहे थे। ऐसे में सवाल ये कि अगर पुलिस को इस प्रदर्शन की जानकारी थी तो इतनी कम संख्या में यहां फोर्स की तैनाती क्यों की गई थी? पुलिस की लापरवाही का नतीज शहर में फिलहाल सांप्रदायिक तनाव की स्थिति बनी हुई है। मेन रोड में कर्फ्यू लगा दिया गया है और मेन रोड में ATS की तैनाती कर दी गई है।

इस हिंसक प्रदर्शन के बाद प्राशसन की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं। सवाल ये कि क्या पुलिस को इस प्रदर्शन की भनक तक नहीं लग सकी? क्या भीड़ को समझने में पुलिस से चूक हो गई? पुलिस को घटना की जानकारी थी तो इतनी कम संख्या में जवान क्यों तैनात किए गए थे?

भीड़ को रोकने के लिए नहीं की गई थी पर्याप्त तैयारी

पुलिस को इस बात की जानकारी थी कि दुकानदार नुपूर शर्मा के बयान के विरोध में प्रदर्शन करने वाले हैं। इन्होंने घोषणा की थी कि ये विरोध में अपनी दुकानें बंद रखेंगे। इसके बाद वे सड़क पर प्रदर्शन करने वाले थे। इसकी जानकारी होने के बाद भी पुलिस की तरफ से पर्याप्त मात्रा में भीड़ को रोकने की तैयारी नहीं की गई थी। इतने कम जवानों की तैनाती की गई थी कि ये भीड़ को रोकने में कामयाब नहीं हो पाए। इतना ही नहीं बैरिकेडिंग तक की भी व्यवस्था नहीं थी।

डेली मार्केट में प्रदर्शन होना था डोरंडा के लोग कैसे शामिल हुए?

इस भीड़ में डेली मार्केट से लेकर डोरंडा तक के लोग शामिल होते गए पुलिस मूक बनी रही। इसक खामियाजा यह हुआ कि भीड़ घनी आबादी की तरफ बढ़ने लगी। जब तक पुलिस अलर्ट हुई स्थिति काबू से बाहर हो गई थी। नतीजा ये हुआ की उग्र भीड़ ने महावीर मंदिर पर भी पत्थरबाजी की।

दिखावे की तैयारी हुई फेल

एहतियात के तौर पर पुलिस की तरफ से इलाके में फ्लैग मार्च किया गया था। इलाके में आधा दर्जन से अधिक ड्रोन कैमरे से निगरानी भी रखी जा रही थी। रैपिड एक्शन फोर्स व इको कंपनी की भी तैनाती की गई थी। लेकिन सभी कम पड़े।

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