प्राइवेट वाहन से हॉस्पिटल पहुंचाने पर स्वास्थ्य विभाग देगा किराया: AES पीड़ित बच्चों के लिए मुहैया कराई जा रही सुविधा, सकरा में पदाधिकारियों को किया गया अलर्ट

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प्राइवेट वाहन से हॉस्पिटल पहुंचाने पर स्वास्थ्य विभाग देगा किराया: AES पीड़ित बच्चों के लिए मुहैया कराई जा रही सुविधा, सकरा में पदाधिकारियों को किया गया अलर्ट


मुजफ्फरपुर12 मिनट पहले

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पदाधिकारियों को निर्देश देते SDO पूर्वी।

उत्तर बिहार में गर्मी बढ़ने के साथ AES के मामले में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है। शुक्रवार को एक साथ तीन बच्चों में AES की पुष्टि हुई थी। इसपर कंट्रोल करने के लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ विभाग द्वारा लगातार जागरूकता अभियान व्यापक पैमाने पर चलाया जा रहा है। बीमार बच्चों को हॉस्पिटल तक लाने में परिजन को कोई परेशानी नहीं हो। इसके लिए एक अच्छी पहल की गई है। SDO पूर्वी ज्ञान प्रकाश ने बताया की अगर किसी बच्चे में AES के प्रारम्भिक लक्षण दिखते हैं और उसे हॉस्पिटल तक ले जाने में परिजन आर्थिक रूप से असमर्थ हैं। तो इस परिस्थिति में वे प्राइवेट वाहन से SKMCH तक बच्चे को फौरन लेकर जा सकते हैं। वाहन का किराया स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिया जाएगा। इसके लिए SKMCH में अलग से सुविधा मुहैया कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि वैसे तो सभी PHC में एम्बुलेंस की व्यवस्था है। लेकिन, किसी समय एम्बुलेंस अगर उपलब्ध नहीं रहा तो प्राइवेट वाहन से तुरन्त बच्चे को SKMCH ले जाएं। परिजन को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी।

सकरा में किया गया अलर्ट

SDO पूर्वी ने सकरा प्रखंड कार्यालय में पहुंचकर सभी पदाधिकारियों को अलर्ट कराया। प्रखंड में AES को लेकर क्या किया जा रहा है। इसका जायजा लिया। उन्होंने कहा कि किसी हाल में लापरवाही नहीं बरतें। अन्यथा कार्रवाई की जाएगी। पैम्पलेट बांटना, वॉल पेंटिंग अनिवार्य है। गांव में घूम-घूमकर लोगों को जागरूक करें। जरूरत पड़ने पर चौपाल लगाएं। इसमे कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

दो बच्चे की हो चुकी मौत

बता दें कि इस साल अबतक 24 बच्चों में AES की पुष्टि हुई है। जिसमे 17 बच्चे और 7 बच्ची शामिल है। 18 बच्चे स्वस्थ होकर घर गए हैं। शेष का इलाज PICU वार्ड में चल रहा है। दो बच्चे की अबतक मौत हुई है। एक बच्चा सीतामढ़ी और दूसरा वैशाली का रहने वाला था। इसकी रिपोर्ट मुख्यालय को भी प्रतिदिन भेजी जा रही है।

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