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नई दिल्ली. पेट्रोल की बढ़ती कीमतों से आमआदमी परेशान है. ऐसे में मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है. सरकार ने इथेनॉल मिक्सड पेट्रोल (EBP) प्रोग्राम के तहत इथेनॉल पर GST दर को 18% से घटाकर 5% कर दिया है. बता दें कि EBP प्रोग्राम के तहत पेट्रोल में इथेनॉल को मिलाया जाता है. पेट्रोल और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी है.
सरकार तय करती है इथेनॉल के रेट
बता दें कि सरकार ने 2014 से इथेनॉल के रेट को जारी किया. 2018 में पहली बार, सरकार ने इथेनॉल बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कच्चे माल के आधार पर इथेनॉल के रेट को तय किया था. पब्लिक सेक्टर की तेल कंपनियों द्वारा इथेनॉल की खरीद भी बढ़ी है. इथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ISY) 2013-14 में 38 करोड़ लीटर से मौजूदा ISY साल 2020-21 में बढ़कर 350 करोड़ लीटर से ज्यादा हो गई है.
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गन्ने से बनाया जाता है इथेनॉल
गन्ने पर बेस्ड फीडस्टॉक जैसे C&B हैवी molasses, गन्ने का जूस, चीनी, चीनी के सिरप से उत्पादित इथेनॉल की खरीदारी कीमत को सरकार तय करती है. इसके साथ अनाज पर आधारित फीडस्टॉक से उत्पादित इथेनॉल की खरीदारी कीमत को पब्लिक सेक्टर की मार्केटिंग कंपनियां सालाना आधार पर तय करती हैं. देश में चीनी उत्पादन को सीमित करने और इथेनॉल के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं, जिसमें इथेनॉल उत्पादन के लिए बी भारी शीरा, गन्ने का रस, चीनी और चीनी की चाशनी को बदलने की अनुमति देना शामिल है.
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पेट्रोल में इथेनॉल मिलाने से कम होता है प्रदूषण
गौरतलब है कि सरकार ने पिछले महीने पेट्रोल में मिलाने के लिए गन्ने से निकाले इथेनॉल की कीमतों को 1.47 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ा दिया था. ये कीमतें दिसंबर से शुरू हो रहे 2021-22 मार्केटिंग ईयर के लिए बढ़ाई गई हैं. सरकार का कहना है कि पेट्रोल में इथेनॉल ज्यादा मिलाने से प्रदूषण भी कम होता है और किसानों को अलग आमदनी कमाने का एक जरिया भी मिलता है.
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