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बिहार31 मिनट पहले
दो दिन पहले शुक्रवार को सीबीएसई 12वीं का रिजल्ट आया था। इसमें नालंदा में हिलसा के खोरमपुर मोहल्ला के सीआईएसएफ कमांडेंट भोनू पासवान का 17 साल का बेटा सूरज हो गया। उसने उसी रात खुदकुशी कर ली।
कई आईएएस, आईपीएस और आईआरएस अफसर सोशल मीडिया पर अपनी मार्कशीट शेयर कर बच्चों काे संदेश दे रहे हैं कि अभी का रिजल्ट बहुत मायने नहीं रखता, बड़ी सफलता के द्वार आगे भी खुले हैं। पढ़िए बिहार निवासी आईएएस अफसर अवनीश कुमार शरण,आईआरएस अफसर राजकुमार दिग्विजय और सीए मृत्युंजय महादेव सिंह की पोस्ट…
पीसीएस में 10 बार फेल, पर यूपीएससी में 77वीं रैंक मिली
दलसिंहसराय के रहने वाले आईएएस ऑफिसर अवनीश कुमार शरण ने अपनी बोर्ड की मार्कशीट सोशल मीडिया पर शेयर की है। उन्होंने 22 जुलाई को एक ट्विटर पर एक पोस्ट लिखा है कि यह मेरी यात्रा है…दसवीं में 44.7 प्रतिशत, 12वीं में 65 प्रतिशत, ग्रेजुएशन में 60 प्रतिशत, सीडीएस में फेल, सीपीएफ में फेल होने के साथ ही राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षा में भी 10 से अधिक बार असफलता ही मिली।
अवनीश शरण की मार्कशीट। उन्होंने 10वीं थर्ड डिवीजन पास की थी।
इसके बाद भी मैंने हार नहीं मानी। कठिन परिश्रम से यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में प्रथम प्रयास में ही साक्षात्कार तक पहुंचा। लेकिन अंतिम तौर पर सफल नहीं हो पाया। दूसरे प्रयास में ऑल इंडिया 77 रैंक हासिल की। इस ट्वीट को दस हजार बार रिट्वीट किया गया और 68 हजार कमेंट्स हुए हैं।
7वीं में फेल,स्नातक जैसे-तैसे किया,फिर भी सफल
ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्रालय में कार्यरत आईआरएस अधिकारी राजकुमार दिग्विजय ने सोशल मीडिया पर लंबा पोस्ट लिखकर मैट्रिक और 12वीं की मार्कशीट शेयर की है। वे लिखते हैं, अभी पहला दूसरा इम्तिहान है दोस्तों। जिन्दगी इम्तिहानों से भरा है। सभी के अंक पत्रों का मूल्य अलग-अलग होता है। माता-पिता जो अपने रिजल्ट को भूल कर बच्चों का आज मूल्यांकन कर रहे हैं उनके लिए मैं अपना मार्कशीट पोस्ट कर रहा हूं। इनमें तो मैं किसी तरह पास दिख रहा हूं, लेकिन मैं जीवन में कई बार फेल हुआ हूं।
पहली बार सातवीं कक्षा में फेल हो गया। स्नातक में जैसे-तैसे पास हुआ। सिविल सेवा परीक्षा में एक बार हिंदी में ही फेल हो गया। फेल-पास के इस खेल में अतिरेक के शिकार हुए तो मंजिल तक पहुंचना मुश्किल होगा।
बोर्ड में मात्र 46% ही अंक मिला फिर भी सफल सीए
सीए मृत्युंजय महादेव सिंह लिखते हैं कि मैं सीबीएसई बोर्ड में 46 प्रतिशत का स्टूडेंट रहा हूं। लेकिन बाद में मेहनत किया और क्वालिफाई किया। बस अपना गोल क्लियर होना चाहिए। सीए ने लिखा है कि आपकी मेहनत का ही मतलब हाेता है। किसी के दबाव में मैंने कोई फैसला नहीं लिया हैै। आज मैं सीए हूं।
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