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पटना9 मिनट पहले
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पुलिस गिरफ्त में बिल्डर अरविंद कुमार ठाकुर और उसकी फाइल फोटो।
झारखंड की राजधानी रांची से पटना पुलिस ने एक शातिर बिल्डर को गिरफ्तार किया है। उसे पकड़ कर पटना लाया गया है। अपनी कंस्ट्रक्शन साइट को दिखाकर इस बिल्डर ने पश्चिमी चंपारण के अपर जिला एवं सत्र न्यायधीश (ADJ) कृष्ण मोहन तिवारी के साथ ठगी की। फ्लैट के नाम पर उनसे 29.50 लाख रुपए ठग लिए। इसके बाद वो पटना से गायब हो गया। अपने मोबइल नंबर को भी बंद रखने लगा।
थक हार कर ADJ को पटना के शास्त्री नगर थाना में FIR दर्ज करानी पड़ी। जिसके बाद मामले की जांच करते हुए थानेदार राम शंकर ने अपनी एक टीम को पटना से झारखंड भेजा। रांची के बरियातू इलाके में छापेमारी कर बिल्डर अरविंद कुमार ठाकुर को गिरफ्तार किया। ठगी के इस खेल में अरविंद की पत्नी शशिकला ठाकुर भी शामिल है।
2014 में ही फ्लैट हैंडओवर करने का किया था दावा
दरअसल, ठगी के इस खेल की शुरूआत तब हुई, जब कृष्ण मोहन तिवारी रोहतास में फर्स्ट क्लास ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट थे। उसी दरम्यान सासाराम स्थित उनके घर पर अर्जुना होम्स प्राइवेट लिमिटेड के मालिक अरविंद कुमार ठाकुर अपनी पत्नी के साथ मिलने पहुंचे थे। उन दोनों ने उस वक्त बताया था कि पटना में शास्त्रीनगर के पटेल नगर इलाके में रामेश्वर नाम से अपार्टमेंट बन रहा है। उसमें एक फ्लैट बुक कराने के लिए बात की थी।
बताया था कि प्रोजेक्ट को पूरा करने का काम बहुत तेजी से चल रहा है। 2014 में उसे हैंड ओवर कर देंगे। उसकी रजिस्ट्री भी करा देंगे। बिल्डर का ऑफिस भी उस दरम्यान प्रोजेक्ट वाले इलाके में ही था। मगर, गलत नक्शा की वजह से आज तक उनका प्रोजेक्ट पूरा नहीं हुआ। अपार्टमेंट के कंस्ट्रक्शन का काम आज भी अधूरा है। पटना नगर निगम ने अलग नक्शा पास किया था जबकि, ये लोग पास नक्शा से अलग काम करा रहे थे।
लोन लेकर दिए थे रुपए
फ्लैट को खरीदने के लिए एलआईसी के हाउसिंग फाइनांस से उस वक्त ADJ कृष्ण मोहन तिवारी को लोन लेना पड़ा था। 39 लाख 35 हजार रुपए पास हुए थे। जिसमें से अलग-अलग किस्तों के तहत अर्जुना होम्स के पंजाब नेशनल बैंक के अकाउंट में रुपयों को जमा किया गया था। लेकिन, रुपए लेने के बाद से दोनों बिल्डर पति-पत्नी गायब हो गए। इनके मोबाइल नंबर बंद रहने के कारण ADJ कृष्ण मोहन तिवारी परेशान रहने लगे। जिसके बाद ही उन्होंने बिल्डर और उसकी पत्नी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का मन बनाया।
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