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बक्सर31 मिनट पहले
बक्सर जिले में गंगा नदी का जलस्तर दो दिन तक घटने के बाद गुरुवार को एक बार फिर तेजी से बढ़ते देखा गया । इसको देखते हुए बाढ़ क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में लोगों में एक बार फिर दहशत दौड़ने लगी है। केंद्रीय जल आयोग से मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार की शाम 5:00 बजे नदी का जलस्तर 59.57 मिटर पर जा पहुंचा है ।
वहीं, 2 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गंगा नदी में बढ़ोतरी जारी है ।बताया गया कि यह बढ़ोतरी आगे तेज भी हो सकती है। क्योंकि ऊपरी क्षेत्र इलाहाबाद और बनारस में गंगा नदी तेजी से बढ़ रही है। अनुमान लगाया जा रहा है कि बक्सर में भी रातों-रात पानी के बढ़ने की रफ्तार तेज हो सकती ।
सैकड़ों एकड़ खेत होंगे जलमग्न
गंगा नदी के तेजी से बढ़ने के कारण सहायक नदिया काफी उफान पर है। ठोरा और कर्मनाशा नदी खेत खलिहानों को डूबना प्रारम्भ कर दी है।किसानों का कहना है कि एक तरफ सुखाड़ के कारण किसान डीजल और बिजलीं पम्प चला झाने धान की रोपनी किये है।तो दूसरी तरफ बाढ़ के कारण सैकड़ो एकड़ खेत जलमग्न हो गए है। सहायक नदियों के बढ़ने के कारण जिले के सीकरौल गांव के रास्ते पर1फिट नदी का पानी चढ़ गया है।लोग अभी पानी के रास्ते आ जा रहे है।ग्रामीणों का कहना है कि जलस्तर ऐसे ही बढ़ता रहा तो रातों-रात इस पथ पर आवागमन अवरुद्ध हो जाएगा।
60 गांव बाढ़ की चपेट में आ जाते हैं
जलस्तर में तेजी से हो रही बढ़ोत्तरी से पानी का फैलाव तटीय क्षेत्र की ओर होने लगा है। गंगा में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने पर जिले से दर्जनों पंचायत के करीब 60 गांव बाढ़ की चपेट में आ जाते हैं। इन गांव की हजारों हेक्टेयर भूमि की फसल जलमग्न हो जाती है। ग्रामीणों का कहना है कि बक्सर में गंगा नदी का पानी जैसे ही खतरे की बिंदु पर पहुंचेगा बनारपुर,रोहणी भान,रामपुर ,तिवाय, नैनीजोर,बाढ़ प्रभावित क्षेत्र सिमरी के सैकड़ों घरों में पानी घुसने लगेगा।
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