बक्सर3 घंटे पहले
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प्रतिकात्मक फोटो।
बक्सर में शिक्षक नियोजन बहाली में दलालों ने जमकर फर्जीवाड़ा कार्य किया है। इसको लेकर शिक्षा विभाग द्वारा जांच किया जा रहा है। जिसमें कई फर्जी अभियार्थी निकले है।
वहीं डुमराव शिक्षक नियोजन इकाई के 30 और नगर परिषद के पांच अभियर्थियों को संदिग्ध में रखा गया है। जबकि जिला में जांच के दौरान एक फर्जी अभियार्थी ने सुशील के माध्यम से सेटिग की बात की है, जो डुमराव स्थित नया भोजपुर आंबेडकर नगर प्रथमिक विधालय में शिक्षक है। वह पहले से ही नियोजन में फर्जीवाड़ा का कार्य कर रहा था।
इसने फर्जी सर्टिफिकेट के माध्यम से अपने भाई समेत सैकड़ों लोगों की बहाली कराई है और करोड़ों की संपति अर्जित की है। जिले में सैकड़ो की संख्या में शिक्षक मुफ्त का वेतन उठा रहे है। जिनका सर्टिफिकेट फर्जी है।
विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सुशिल कुमार फर्जी सर्टिफिकेट के खेल का पुराना खिलाड़ी है। इससे पहले भी कई लोगों की शिक्षक में नौकरी फर्जी सर्टिफिकेट पर लगवाया है। जिसके बदौलत डुमराव टेक्सटाइल कलोनी में उसके द्वारा आलीशान बंगले बनाए गए है।
यही नहीं, सूत्र यहां तक बताते हैं कि उसने बड़े पैमाने पर जमीन की खरीदारी भी की है। अगर उसकी अर्जित संपत्ति की जांच हो जाए तो शिक्षक नियोजन में फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हो सकता है। वहीं वर्ष 2013 -14 में हुई बहाली में भी इसके द्वारा लंबा हाथ मारा गया ।
बताया जाता है कि उन फर्जी सर्टिफिकेट पर केवल जिले में ही 400 से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं। जबकि 2018 में बच्चों को मिलने वाला एमडीएम का भी चावल इसके द्वरा बेचा गया था। जिसको लेकर पदाधिकारी ने इसपर प्रथमिकी भी दर्ज किया था। वहीं जिला शिक्षा पदाधिकारी अमर भूषण ने बतया की एक फर्जी अभियार्थी के द्वरा इसका नाम खोला गया ।