Home Bihar बिहार के इस गांव में मक्खियों के कारण लड़के कुंवारे: कई की शादी होते-होते कटी, 10 परिवारों ने छोड़ दिया गांव; मच्छरदानी में पढ़ते और खाना खाते हैं लोग

बिहार के इस गांव में मक्खियों के कारण लड़के कुंवारे: कई की शादी होते-होते कटी, 10 परिवारों ने छोड़ दिया गांव; मच्छरदानी में पढ़ते और खाना खाते हैं लोग

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बिहार के इस गांव में मक्खियों के कारण लड़के कुंवारे: कई की शादी होते-होते कटी, 10 परिवारों ने छोड़ दिया गांव; मच्छरदानी में पढ़ते और खाना खाते हैं लोग

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अटल बिहारी पांडेय|गोपालगंज37 मिनट पहले

दिन में मच्छरदानी के अंदर बैठे लोग।

बिहार के गोपालगंज में एक ऐसा गांव है, जहां मक्खियों का आतंक है। फिल्म ‘मक्खी’ की तरह इस गांव के लोगों को मक्खियों ने परेशान कर दिया है। नौबत यह आ गई है कि इस गांव में लोग अपनी बेटियों की शादी करने से कतरा रहे हैं। वहीं तीन लड़कों की शादी तो तय होते-होते रह गई। अब तक 10 परिवार ने तो मक्खियों के आतंक से तंग आकर गांव ही छोड़ दिया।

हम बात कर रहे हैं गोपालगंज के सदर प्रखंड अंतर्गत विक्रमपुर गांव की। यहां मक्खियों से ग्रामीण काफी परेशान है। 3 हजार की आबादी वाले इस गांव में मक्खियां इस कदर फैली हैं कि लोगों को खाने-पीने तक में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। यहां के लोग 5 सालों से मक्खियों से परेशान हैं। रात हो या दिन हरदम मक्खियों की भनभनाहट लगातार सुनाई देती है। अब यहां के लोगों काे दिन में ही मक्खी से बचने के लिए मच्छरदानी का सहारा लेना पड़ता है।

मच्छरदानी के अंदर खाना खाते बच्चे।

मच्छरदानी के अंदर खाना खाते बच्चे।

खाने की चीजों पर बैठ जाती है मक्खियां
गांव के युवक अनिकेत ने बताया कि- मक्खियों की वजह से अब तक गांव के तीन युवकों की शादी का रिश्ता टूट चुका हैं। इनमें से एक सतेंद्र उर्फ सरल यादव है। जिसकी शादी तीन महीने पहले मधुबनी जिले में तय हुई थी। लड़की के परिजन जब लड़के के घर पहुंचे तो मक्खियों को देख परेशान हो गए। जब नाश्ता परोसा गया, मक्खियां उसमें भी भिनभिनाने लगी। इससे तंग आकर लड़की वाले बिना नाश्ता किए शादी का रिश्ता तोड़कर उल्टे पांव मधुबनी के लिए रवाना हो गए।

गांव के आसपास पोल्ट्री फॉर्म होने के कारण मक्खियों की भरमार
शादी का रिश्ता टूटने वाला सिर्फ सरल ही नहीं बल्कि इनमें रोहित पटेल, सतेंद्र यादव भी शामिल हैं। अब तक इस गांव से सुंदर पटेल, संदीप यादव, राहुल कुमार, किशन यादव समेत दस लोग हैं जो पलायन कर गए हैं। ग्रामीणों की माने तो गांव के इर्द-गिर्द कई पोल्ट्री फॉर्म चलते हैं। इससे यहां मक्खियों की भरमार रहती है। लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन को कई बार मक्खियों से हो रही परेशानी के बारे में जानकारी दी गई, लेकिन उनकी तरफ से कोई ध्यान नहीं दिया गया।

सिविल सर्जन डॉ. वीरेंद्र प्रसाद ने बताया कि- मक्खियां इंसानों और जानवरों के लिए खतरनाक रोग फैलाने वाले जीवाणुओं की वाहक होती है। इसे भगाने के लिए कोई छिड़काव का साधन नहीं होता है। साफ-सफाई बना कर रखने से ही मक्खियों को भगाया जा सकता है। मक्खियां सड़े -गले एवं दुर्गंध वाले कार्बनिक पदार्थ जिनकी नमी 50-85% हो, ऐसे में अंडे देती हैं। पोल्ट्री खाद में लगभग 75-80% नमी की मात्रा होती है, जो मक्खियों की आबादी पनपने के लिए माध्यम है।

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