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पटना23 मिनट पहले
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बिहार में व्यापारी अनसेफ हो गए हैं। वह अपराधियों के सॉफ्ट टारगेट पर हैं। रंगदारी लूट और मर्डर ने दहशत बढ़ा दिया है। बिहार के अन्य जिलों के साथ राजधानी पटना पूरी तरह से अनसेफ होती जा रही है। कारोबार से लेकर जान की चिंता में डूबे व्यापारियों ने बिहार पुलिस से मदद मांगी है। मार्च में लूट और मर्डर की कई बड़ी वारदातों को लेकर व्यापारियों का कहना है कि हालात सेफ नहीं नहीं है, ऐसे में अनसेफ व्यापारी पलायन कर जाएंगे। कारोबारियों की दहशत के बीच बिहार पुलिस ऑपरेशन प्रहार से सुरक्षा का मरहम लगा रही है।
व्यापारियों ने कहा बदमाशों से बचाइए
बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स ने तो साफ कह दिया कि हालात सामान्य नहीं हैं। बिहार चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज ने आए दिन हो रहे आपराधिक वारदात पर चिंता जताते हुए राज्य के विभिन्न भागों में हो रही आपराधिक वारदात पर पुलिसिंग पर सवाल किया है। चैम्बर के महामंत्री अमित मुखर्जी का कहना है कि खासकर पटना सिटी में इधर हाल के दिनों में दो हत्या एवं लगातार व्यवसायियों के साथ हो रही घटनाएं उद्यमियों एवं व्यवसायियों में जान – माल की सुरक्षा के प्रति चिन्ता बढ़ाने वाली हैं। 31 मार्च को बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष राम लाल खेतान के फतुहा थाना क्षेत्र में स्थित गोदाम में तोड़फोड़ भी सुरक्षा पर सवाल है। राज्य में अपराध से माहौल खराब होने का आरोप लगाते हुए व्यापारियों ने सुरक्षा की मांगी है।
कारोबारियों के साथ घटनाएं आसान
कारोबारियों का कहना है कि व्यवसायी हमेशा अपराधियों के सॉफ्ट टासरगेट पर होते हैं। कारोबारियों के साथ घटना करना बदमाशों के लिए काफी आसान होता है। रंगदारी लूट और हत्या की घटनाएं सबसे अधिक कारोबारियों के साथ ही होती हैं। अपराधियों के लिए आसान लक्ष्य हुए कारोबारियों की सुरक्षा पर सवाल है। चैंबर ने व्यापारियों की सुरक्षा के लिए पुलिस महानिदेशक के साथ अन्य अधिकारियों से मांग करते हुए कहा कि बिहार में व्यापार और व्यापारियों को बचाया जाए। अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिया जाए जिससे कि राज्य के उद्यमियों एवं व्यवसायियों की दहशत कम हो और वह अपने व्यवसायिक गतिविधियों में वृद्धि कर राज्य के आर्थिक विकास में सम्पूर्ण योगदान देते रहें । ऐसा नहीं हुआ तो राज्य के व्यापारियों में पलायन की स्थिति होगी।
दहशत पर पुलिस का मरहम
बिहार पुलिस का दावा है कि ऑपरेशन प्रहार से अपराधियों पर नकेल कसी जा रही है। दवा किया जा रहा है कि मार्च 2022 में वज्र कंपनी और प्लाटूनों की कार्रवाई में 66 टीम ने हत्या के 511 वांटेड अपराधियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस पर हमला के 227 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। हत्या के प्रयास के 1072 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। इसके साथ ही अन्य कई अपराधों में हुई गिरफ्तारी के साथ 5769 बदमाशों को पकड़ा गया है, उनके पास से 293 हथियार और 617 कारतूस भी बरामद किया गया है। अब सवाल यह है कि अग इतनी कार्रवाई हो रही है तो घटनाएं कौन कर रहा है।
30 दिन में गिरफ्तारी के टॉप 5 जिले
- पटना – 1786 गिरफ्तारी
- मुजफ्फरपुर – 377 गिरफ्तारी
- सारण – 346
- रोहतास – 265
- गया – 258
सुरक्षा के मुद्दे पर गरमाई राजनीति
बिहार में अपराध के बढ़ते ग्राफ से राजनीतिक गर्मी भी आ गई है। सुरक्षा के मुद्दे पर सरकार को घेरा जा रहा है। राजद और अन्य दलों ने हमेशा अपराध के सवाल पर सरकार को घेरा है। व्यापारियों के राजनीतिक संगठनों ने भी पुलिसिंग पर सवाल किए। सुरक्षा को लेकर आम आदमी भी पुलिस पर सवाल कर रहा है। पटना के राजीव नगर के रहने वाले कारोबारी कमलेश कहते हें कि सुरक्षा को लेकर कोई ठोस रणनीति बनाई जानी चाहिए। बैंक, एटीएम और व्यापारी को लूटना आसान हो गया है। सुरक्षा को लेकर पूरी तैयारी की जानी चाहिए। गृहिणी सुनीता सिंह का कहना है कि बढ़ती घटना को लेकर अब दहशत का माहौल है। महिला सुरक्षा को लेकर भी वह सरकार से व्यवस्था बनाने की मांग कर रही हैं।
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