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पटना30 मिनट पहले
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सांकेतिक तस्वीर।
- NICU में 10 प्रतिशम बेड को बच्चों के लिए किया जा रहा है सुरक्षित, कोरोना से लड़ाई की तैयारी
केरल सहित कई राज्यों में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। वायरस की रफ्तार को देख तीसरी लहर का खतरा है। ऐसे में देश के सभी प्रदेशों में तैयारी चल रही है। बिहार में भी बच्चों को लेकर अस्पतालों में तैयारी की जा रही है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने अस्पतालों में 10 प्रतिशत बेड बच्चों के लिए सुरक्षित रखने का आदेश दिया है। राज्य में PICU वार्ड को पूरी तरह से कोरोना की लड़ाई के लिए तैयार किया जा रहा है।
संक्रमण का ग्राफ बढ़ने से हुआ अलर्ट
कोरोना की संभावित तीसरी लहर में बच्चों को लेकर खतरा है। ऐसे में उन्हें विशेष देखभाल की जरुरत है। इसक लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तैयार हो रहा है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय का कहना है कि राज्य के 35 जिलों व 8 मेडिकल कॉलेजों में संचालित विशेष नवजात देखभाल इकाई NICU में 10 फ़ीसदी बेड कोरोना संक्रमित बच्चों की देखभाल के लिए सुरक्षित किए गए हैं। इसके साथ ही सभी बेड पर ऑक्सीजन की उपलब्धता भी सुनिश्चित की गई है। दूसरी तरफ़ राज्य के 11 जिलों सहित सभी मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में निर्मित पीकू वार्ड भी नवजातों को आपातकालीन चिकित्सकीय ईलाज मुहैया कराने में सक्षम है।
सामुदायिक स्तर पर हो रही तैयारी
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि सामुदायिक स्तर पर कोरोना के बेहतर प्रबंधन के लिए आशा, आशा फैसिलेटर, एएनएम, आरबीएसके टीम, बीएचएम एवं बीसीएम को राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली संसाधन केंद्र (एनएचएसआरसी), नई दिल्ली द्वारा प्रशिक्षत किया जा रहा है। यह प्रशिक्षण 27 अगस्त तक पूरा हो जाएगा। राज्य के 11 जिलों में पीकू वार्ड (बाल सघन चिकित्सा इकाई) का संचालन हो रहा है। जिसमें औरंगाबाद, पूर्वी चम्पारण, गोपालगंज, जहानाबाद, नालंदा, नवादा, समस्तीपुर, सारण, सीवान और वैशाली जिला शामिल है। इसके अलावा सभी मेडिकल कॉलेजों में भी पीकू वार्ड चल रहे हैं। जिन अस्पतालों में बच्चों के लिए वार्ड नहीं हैं, वहां नए वार्ड बनाने पर कार्रवाई की जा रही है। अस्पतालों में बेड के साथ आईसीयू और वेंटिलेटर की सुविधा भी बढ़ायी जाएगी।
बच्चों के डॉक्टरों को दी जा रही ट्रेनिंग
स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि कोरोना संक्रमित बच्चों को उच्च स्तरीय चिकित्सकीय सेवा प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य के मेडिकल कॉलेजों के शिशु रोग विशेषज्ञों को नई दिल्ली में प्रशिक्षित किया गया है। इसके अलावा जिलों में तैनात दो शिशु रोग विशेषज्ञ, 6 मेडिकल ऑफिसर, 12 स्टाफ नर्स को अस्पताल प्रबंधन से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया है। यह प्रशिक्षण एम्स पटना की ओर से दिया गया है। स्वाथ्य विभाग ने बच्चों को संक्रमण से सुरक्षित रखने हेतु संस्था एवं समुदाय दोनों स्तर पर समान रूप से तैयारी पूरी कर ली है।