Home Bihar बिहार में टूटा कोरोना का रिकॉर्ड: 30 दिन में एक लाख पार हो गए एक्टिव मामले, 904 लोगों की जान लेकर 50 गुणा तेजी से बढ़ा कोरोना

बिहार में टूटा कोरोना का रिकॉर्ड: 30 दिन में एक लाख पार हो गए एक्टिव मामले, 904 लोगों की जान लेकर 50 गुणा तेजी से बढ़ा कोरोना

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बिहार में टूटा कोरोना का रिकॉर्ड: 30 दिन में एक लाख पार हो गए एक्टिव मामले, 904 लोगों की जान लेकर 50 गुणा तेजी से बढ़ा कोरोना

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पटना12 मिनट पहले

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30 दिन में संक्रमण की रफ्तार 50 गुणा तेजी से बढ़ी है। - Dainik Bhaskar

30 दिन में संक्रमण की रफ्तार 50 गुणा तेजी से बढ़ी है।

  • जांच घटाने के बाद भी नहीं घट रही कोरोना की रफ्तार
  • एक दिन में 13089 नए मामले, 100821 केस एक्टिव

बिहार में कोरोना रिकॉर्ड तोड़ रहा है। 30 दिन में संक्रमण की रफ्तार 50 गुणा तेजी से बढ़ी है। वायरस 904 लोगों की जान लेकर एक्टिव मामलों की संख्या एक लाख पार कर दिया है। 31 मार्च को प्रदेश में मात्र 1579 एक्टिव मामले थे जो अब बढ़कर 100821 हो गए हैं। तब एक दिन में मात्र 259 नए मामले आए थे लेकिन अब यह संख्या 13089 पर पहुंच गई है। हालांकि, जांच घटाई गई है लेकिन इसके बाद भी आंकड़ों में कमी नहीं आई। संक्रमण की इस रफ्तार में अगर थोड़ी सी भी सावधानी हटी तो कोरोना जान का खतरा बढ़ाएगा।

31 मार्च को पकड़ी रफ्तार नहीं थमी

कोरोना बिहार में 31 मार्च से रफ्तार पकड़ा है। इसके बाद इसकी रफ्तार रोका नही जा सका। हर दिन सरकार सख्ती बढ़ाती रही लेकिन कोरोना की रफ्तार नहीं काबू में आई। 31 मार्च को प्रदेश में 50515 लोगों की जांच कराई गई थी इसमें मात्र 259 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। 29 अप्रैल को 97972 लोगों की जांच कराई गई लेकिन संक्रमण के मामले 50 गुणा से भी अधिक बढ़ गए। एक ही दिन में 13089 नए मामले आए। 31 मार्च को प्रदेश में मात्र 1579 एक्टिव केस थे जो 29 अप्रैल तक बढ़कर 100821 हो गए। 31 मार्च को प्रदेश में कुल 1576 लोगों की मौत हुई थी लेकिन 29 अप्रैल को यह आंकड़ा भी 2480 पहुंच गया।

30 दिन में 188937 मामले

30 दिन में प्रदेश में कुल मामलों की संख्या 188937 पहुंच गई है। 31 मार्च को प्रदेश में कुल 265527 मामले थे और 29 अप्रैल को यह संख्या 454464 हो गई है। इस दौरान 188937 हो गई है। ऐसे में तेजी से बढ़ता आंकड़ा संक्रमण का खतरा बढ़ाता जा रहा है। 31 मार्च से 29 अप्रैल तक संक्रमण की रफ्तार तेजी से बढ़ी है। कोविड का इलाज कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि यह समय काफी खतरनाक है और इसमें संक्रमण को लेकर काफी सावधानी बरतने की जरूरत है।

21.5% गिर गया रिकवरी रेट

30 दिन में रिकवरी रेट में 21.5% गिरावट आई है। 31 अप्रैल को प्रदेश का रिकवरी रेट 98.81% था जो अब 77.27 % पहुंच गया है। एक्टिव मामलों के बढ़ने के साथ ही रिकवरी रेट में तेजी से गिरावट आ रही है। 31 मार्च को एक्टिव मामलों की संख्या 1579 थी और 29 अप्रैल को यह 100821 पहुंच गई है। इस कारण से रिकवरी रेट में काफी गिरावट आई है।

जांच घटी लेकिन मामले नहीं

29 अप्रैल को प्रदेश में कुल 97972 लोगों की जांच कराई गई है। लक्ष्य एक लाख पार का था लेकिन आंकड़ा बढ़ नहीं पाया। वहीं 28 अप्रैल को 103895 लोगों की जांच कराई गई थी और 27 अप्रैल को भी 100328 लोगों की जांच कराई गई थी दोनों दिन नए मामले 12 से 13 हजार के करीब आए थे। 29 को जांच भले ही घट गई लेकिन संक्रमितों का आंकड़ा नहीं घटना है।

29 अप्रैल को 89 लोगों की मौत

29 अप्रैल को प्रदेश में 89 लोगों की मौत इलाज के दौरान हो गई है। जांच में 13089 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसमें सबसे अधिक पटना में 2186 लोग संक्रमित पाए गए हैं। गया में 1128, बेगूसराय में 666, पश्चिमी चंपारण में 590, नालंदा में 509, समस्तीपुर में 494, पूर्णिया में 483, मुजफ्फरपुर में 478, सारण में 451, सुपौल में 416 नए मामले आए हैं।

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