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- Like The Prohibition Of Liquor In Bihar, Preparations For Polythene Ban From December 15, 70% Of The Producers Decreased; 5 Lakh Fine And Jail Sentence For Those Who Break The Rules
पटना2 घंटे पहलेलेखक: राजू कुमार
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बदलाव स्वीकार कर अब कपड़े और कागज से सामान बना रहे कारोबारी।
पांच साल पहले बिहार ने राजस्व से ऊपर सेहत को रखकर शराबबंदी लागू कर नजीर पेश की थी। अब पॉलीथिन और थर्मोकोल को लेकर भी राज्य ऐसी ही सख्ती बरतने जा रहा है। देशभर में अगले साल 1 जुलाई से प्लास्टिक पर बैन लगने जा रहा है, पर बिहार आगामी 15 दिसंबर से ही इसे लागू कर देगा।
14 दिसंबर 2021 की आधी रात से राज्य में प्लास्टिक-थर्मोकोल का उत्पादन, भंडारण, खरीद, बिक्री, उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध लग जाएगा। राज्य की सीमा के अंदर इन उत्पादों का इस्तेमाल करते भी पकड़े गए तो 5 लाख रुपए जुर्माना या एक साल जेल या दोनों सजाएं हो सकती हैं।
बिहार सरकार ने जून में अधिसूचना जारी कर इसे लेकर अपने इरादे जाहिर कर दिए थे। पर्यावरण की भलाई और सेहत के फायदों को देख प्लास्टिक-थर्मोकोल के 70% उत्पादकों ने इस बदलाव को स्वीकार किया है, साथ ही वे दूसरे विकल्पों को भी अपना रहे हैं।
प्लास्टिक और थर्माकोल उत्पादक संघ के अनुसार राज्य में 2020 तक प्लास्टिक और थर्मोकोल कप, प्लेट, चम्मच, कप, कटोरी, प्लेट, प्लास्टिक बैनर, झंडे, पाउच के करीब 70 हजार उत्पादक-कारोबारी थे। बीते चार महीनों में इनकी संख्या घटकर 20 हजार रह गई है। राज्य के पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि उत्पादकों से लगातार अपील की जा रही है कि जल्द वैकल्पिक सामग्री लाना शुरू कर दें।
नियम पालन के लिए शहर से गांव तक टास्क फोर्स
बिहार, पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह बताते हैं कि बैन का सख्ती से पालन कराने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स बनाई गई हैं।
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