बेटी ने पिता की अर्थी को दिया कंधा, मुखाग्नि भी: सीतामढ़ी की बेटी सुमन चर्चा में, घाट पर हर किसी की आंखें हुई नम

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सीतामढ़ी6 मिनट पहले

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सुमन जब अपने पिता को मुखाग्नि दे रही थी, उस वक्त नदी तट पर मौजूद हर किसी की आंखें नम हो गयी।

सीतामढ़ी जिले में हिंदू परम्परा और रिवाज को दरकिनार करते हुए एक बेटी ने अपने पिता को न सिर्फ कंधा दिया, बल्कि मुखाग्नि भी दी। उसके इस हौसले की इलाके में चर्चा हो रही है। जिले के नगर थाना क्षेत्र के कोर्ट बाजार निवासी रतन साह का बीमारी के चलते शुक्रवार को निधन हो गया। घर में उनकी पत्नी के अलावे एकलौती पुत्री सुमन मौजूद थी। मृतक भी भाई में अकेले थे, जिसके कारण बेटी ने अंतिम संस्कार का निर्णय लिया। सुमन ने अपने पिता को न सिर्फ कंधा दिया, बल्कि लखनदेई नदी के राम घाट पर ले जाकर मुखाग्नि भी दी।

सामाजिक रीति-रिवाज से हटकर उठाये गये उसके द्वारा साहसी कदम को अधिकांश लोगों ने सराहा। सुमन जब अपने पिता को मुखाग्नि दे रही थी, उस वक्त नदी तट पर मौजूद हर किसी की आंखें नम हो गयी। लोगों का कहना है कि सुमन ने अपने पिता को मुखाग्नि देकर एक मिशाल पेश किया है।

इस दौरान लोगों ने सुमन की हिम्मत की सराहना की। महिला सशक्तिकरण के इस दौर में समाज में बेटा और बेटी के बीच विकृत मानसिक भेद है. उसके सामने आज सुमन ने अपना पहला कदम उठाकर मिसाल पेश किया है।

मिली जानकारी के अनुसार नगर थाना क्षेत्र के कोर्ट बाजार स्थित वार्ड नंबर 14 निवासी 67 वर्षीय रतन साह का निधन हो गया। वो पिछले दो सालों से लगातार बीमार चल रहे थे। अचानक इलाज के दौरान ही शुक्रवार को उनकी मौत हो गई।

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