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जहानाबादएक घंटा पहले
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क्षेत्र के स्वजपूरा गांव में श्रीमदभागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दौरान वातावरण भक्तिमय बना हुआ है । इस मौके पर ठंडक एवं एवं कंनकणी के बावजूद कथा ज्ञान स्थल पर लोक पहुंचकर उसका अनुश्रवण कर रहे हैं। कथा ज्ञान यज्ञ में भागवत पीठ पर विराजमान श्री श्री 1008 श्री महंथ महामंडलेश्वर राम भूषण दास जी महाराज ने अपने मुखारविंद से कथा के प्रथम दिन भागवत महात्म्य के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि भागवत कथा के श्रवण से व्यक्ति भवसागर से पार हो जाता है। श्रीमद्भागवत से जीव में भक्ति ज्ञान एवं वैराग्य के भाव उत्पन्न होते हैं। इसके श्रवण मात्र से व्यक्ति के पाप पुण्य में बदल जाते हैं तथा विचारों में बदलाव होने पर व्यक्ति के आचरण में भी स्वयं बदलाव हो जाता है। इस मौके पर स्वामी जी ने अपने मुखारविंद से गौकर्ण की कथा सुनाई।
और कहा कि भगवान की लीला अपरंपार है वे अपनी लीलाओं के माध्यम से मनुष्य व देवताओं के धर्मानुसार आचरण करने के लिए प्रेरित करते हैं। श्रीमदभागवत कथा के महत्व को समझाते हुए कहा कि भागवत कथा में जीवन का सार तत्व मौजूद है।आवश्यकता है निर्मल मन ओर स्थिर चित्त के साथ कथा श्रवण करने की। भागवत श्रवण से मनुष्य को परमानन्द की प्राप्ति होती है एवं भागवत श्रवण प्रेतयोनी से मुक्ति मिलती है। इसलिए चित्त की स्थिरता के साथ ही श्रीमदभागवत कथा सुननी चाहिए। भागवत श्रवण करने से मनुष्य के सम्पूर्ण कलेश को दूर कर भक्ति की ओर अग्रसर करती है। उन्होंने अच्छे और बुरे कर्मों की परिणिति को विस्तार से समझाते हुए आत्मदेव के पुत्र धुंधकारी और गौमाता के पुत्र गोकरण के कर्मों के बारे में विस्तार से इसकी वृतांत समझाया।
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