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कर्ज में डूबी श्रीलंका सरकार अपने आर्थिक संकट को दूर करने के लिए सरकारी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेच रही है. श्रीलंका सरकार ने कई सेक्टर्स में प्राइवेटाइजेशन की शुरुआत कर दी है. इसी क्रम में श्रीलंका सरकार ने सरकारी स्वामित्व वाली टेलीकॉम कंपनी पीएलसी की हिस्सेदारी बेचने की योजना बनाई है. अपनी कंपनी की विस्तार योजना पर काम कर रहे रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने श्रीलंका की इस सरकारी कंपनी को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है.
श्रीलंका की कंपनी में करेंगे निवेश
मुकेश अंबानी की नजर श्रीलंका की सरकारी कंपनी पर है. रिलायंस की कंपनी रिलायंस जियो ने श्रीलंका की सरकारी टेलीकॉम कंपनी पीएलसी को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है. श्रीलंका सरकार की ओर से इस बारे में जानकारी साझा की गई है, जिसके मुताबिक रिलायंस जियो के अलावा दो और कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है.
खरीदारी की रेस में तीन कंपनियां
श्रीलंका सरकार ने इसके लिए 10 नवंबर 2023 में इसके लिए आवेदन आमंत्रित किया था, जिसकी डेडलाइन 12 जनवरी 2024 को खत्म हो गई. आवेदन की समय सीमा खत्म होने के बाद श्रीलंकाई सरकार ने एक प्रेस रिलीज जारी कर जानकारी दी है. रिलायंस इंडस्ट्रीज अलावा गोर्ट्यून इंटरनेशनल इन्वेस्टमेंट होल्डिंग लिमिटेड और पेटीगो कॉमर्सियो इंटरनेशनल एलडीए ने श्रीलंका की सरकारी दूरसंचार कंपनी श्रीलंका टेलीकॉम पीएलसी में हिस्सेदारी खरीदने के लिए आवेदन किया है. भारत में नंबर 1 टेलीकॉम कंपनी बनने के बाद अब रिलायंस जियो श्रीलंका में अपने विस्तार पर फोकस कर रही है.
भारत की दिग्गज टेलीकॉम कंपनी
रिलायंस इंडस्ट्री की टेलीकॉम कंपनी जियो का इंडियन टेलीकॉम मार्केट में जलवा है. स्टेटिस्टा की रिपोर्ट के मुताबिक जून 2023 तक जियो के पास देश में फिक्स्ड-लाइन टेलीकॉम ऑपरेटरों की 32.83% हिस्सेदारी थी, जबकि वायरलेस सब्सक्राइबर में जियो की हिस्सेदारी 36% से अधिक है. ब्रोकरेज कंपनी BofA के मुताबित जियो प्लेटफॉर्म्स की वैल्यूएशन 107 अरब डॉलर है.
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