Home Bihar भास्कर एक्सक्लूसिव: जेपी गंगा पथ अब चार हिस्सों में बनकर होगा तैयार, 441 करोड़ रुपए बढ़ेगी निर्माण लागत, एस्टीमेट की स्वीकृति का ही इंतजार

भास्कर एक्सक्लूसिव: जेपी गंगा पथ अब चार हिस्सों में बनकर होगा तैयार, 441 करोड़ रुपए बढ़ेगी निर्माण लागत, एस्टीमेट की स्वीकृति का ही इंतजार

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भास्कर एक्सक्लूसिव: जेपी गंगा पथ अब चार हिस्सों में बनकर होगा तैयार, 441 करोड़ रुपए बढ़ेगी निर्माण लागत, एस्टीमेट की स्वीकृति का ही इंतजार

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पटना2 घंटे पहलेलेखक: अमनेश दुबे

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प्रोजेक्ट को पूरा करने में अब 441 करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च होंगे। - Dainik Bhaskar

प्रोजेक्ट को पूरा करने में अब 441 करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च होंगे।

राज्य की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक 20.5 किमी के जेपी गंगा पथ की सुविधा इसी साल से मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। क्योंकि, आठ साल से चल रहे इस प्रोजेक्ट को तेजी से पूरा करने अब नए सिरे से प्लानिंग हुई है। दीघा से दीदारगंज तक गंगा नदी के तट से गुजरने वाले इस पथ को एलीवेटेड कॉरीडोर के तौर पर बनाया जा रहा है।

2013 से शुरू होकर 2017 में पूरा होने वाला यह प्रोजेक्ट अब तक पूरा नहीं हाे पाया है। इतने साल से फंसे इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में अब 441 करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च होंगे। पहले जहां 3390 करोड़ रुपए पूरे प्रोजेक्ट की निर्माण लागत थी, अब यह राशि बढ़कर 3831 करोड़ रुपए तक होगी। बीएसआरडीसी ने बढ़ने वाली राशि का एस्टीमेट बनाकर भेज दिया है। जल्द ही इसे सरकार की स्वीकृति मिल जाएगी।

3 एजेंसियां कर रही काम, नुरूद्दीनघाट से आगे के लिए टेंडर जारी
जेपी गंगा पथ प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए वर्तमान में तीन एजेंसियां काम कर रही हैं। इसमें पहली एजेंसी के अलावा जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड के द्वारा दो हिस्सों में निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया है। इसमें नौजरघाट से नुरूद्दीनघाट और धर्मशाला घाट से दीदारगंज तक का फेज शामिल है। इसी के साथ पीएमसीएच के लिए अलग से कनेक्टिविटी के लिए एलिवेटेड कॉरिडोर बन रहा है। इसके के लिए गावर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड को जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा नुरूद्दीन घाट से आगे एनएच-30 तक के हिस्से को मिलाने के लिए नए सिरे से टेंडर किया गया है।

बहाव बढ़ने के कारण डिजाइन को बदला
अब पहली व पुरानी निर्माण एजेंसी नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड (एनईसीएल) को दीघा से नौजरघाट 13.50 किमी तक ही काम करना है। इसके आगे सात किमी के हिस्से में तीन अन्य एजेंसियां काम करेंगी। दीघा से लेकर कई अन्य जगहाें पर नदी का बहाव पहले की तुलना में काफी आगे बढ़ गया है। अब उस हिस्से में भी एलिवेटेड कॉरीडोर का विकल्प ही चुना गया। आईआईटी रूड़की के विशेषज्ञों की सलाह पर प्रस्तावित डिजाइन में बदलाव किया गया हैै। इसके चलते लागत बढ़ गई है।

जेपी गंगा पथ को तेजी से पूरा करने अलग-अलग फेज में बनाकर लोगाें को इसी साल से सुविधा मिल जाएगी। पहले जहां एक ही निर्माण एजेंसी को पूरे हिस्से को बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी, अब इसके लिए अलग-अलग चार एजेंसियों को काम बांट दिया गया है। जमीन भरकर सड़क बनाने की जगह एलिवेटेड कॉरिडोर बनाने के चलते अब निर्माण लागत भी पहले की तुलना में बढ़ेगी। -संजय कुमार, सीजीएम, बीएसआरडीसी

इस तरह से जेपी गंगा पथ का पूरा होगा अलग-अलग फेज

1. दीघा से एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट तक-5.4 किमी- मई 2022 तक 2. एएन इंस्टीट्यूट से पीएमसीएच तक-2.5 किमी- जून 2022 तक 3. पीएमसीएच से नौजर घाट तक-5.5 किमी- दिसंबर 2022 तक 4. नौजर घाट से नुरूद्दीन घाट तक-2.5 किमी- मार्च 2023 तक 5. धर्मशाला घाट से दीदारगंज तक- करीब 1.5 किमी- मार्च 2023 तक 6. नुरूद्दीन घाट से एनएच-30 तक- 3 किमी- मार्च 2024 तक

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