Home Bihar मुंगेर में डॉक्टर की लापरवाही से युवती की मौत: ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक ने नहीं दिया ध्यान, विधायक की पैरवी भी नहीं आया काम

मुंगेर में डॉक्टर की लापरवाही से युवती की मौत: ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक ने नहीं दिया ध्यान, विधायक की पैरवी भी नहीं आया काम

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मुंगेर में डॉक्टर की लापरवाही से युवती की मौत: ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक ने नहीं दिया ध्यान, विधायक की पैरवी भी नहीं आया काम

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मुंगेर35 मिनट पहले

मुंगेर के सदर अस्पताल में बुधवार को इलाज के दौरान एक 24 वर्षीय युवती की मौत हो गई । वहीं युवती के बाद परिजनों ने अस्पताल में ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाया है । मृतक युवती की पहचान मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के मोहली गांव निवासी जितेंद दास की 24 वर्षीय पुत्री सोनी कुमारी के रूप में की गई है।

वहीं, इस संबंध में मृतक के पिता ने बताया कि मेरी पुत्री को मंगलवार की शाम उल्टी दस्त और पेट में दर्द था। जिसके बाद वह मेडिकल दुकान से दवाई लेकर अपने पुत्री को दिया जिसके बाद उसके बेटी का उल्टी और पे खाना बंद हो गया लेकिन पेट में दर्द कम नहीं हुआ था।

देर रात लगभग 1 बजे वह अपने पुत्री को लेकर अस्पताल आया। उन्होंने बताया कि अस्पताल में आने के बाद हम बेटी का चिट्ठा कटवाए और ड्यूटी रूम में मौजूद डॉक्टर रोशन कुमार से सारी घटनाएं की जानकारी दी मगर वह मेरी पुत्री देखने नहीं आया। इस बीच अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में मौजूद नर्स के द्वारा सुई दिया गया। इसके बावजूद भी मेरी पुत्री का पेट दर्द कम नहीं हुआ। बुधवार की सुबह 8 बजे तक चिकित्सक रोशन कुमार से जाकर हम गुहार लगाते रहे मगर वह मेरी पुत्री को देखने तक नहीं आए उल्टा मेरे ऊपर ही रौब दिखा रहे थे ।

इसी बीच पेट दर्द से परेशान होकर मेरी पुत्री की मौत हो गई। जिसके बाद सुबह की ड्यूटी पर आए डॉक्टर रमन कुमार के द्वारा मेरी बेटी के मरने के बाद सरकारी चिट्ठा लेकर उस पर कई तरह के दवाई एवं सवा इनको लिख दिया गया इससे पहले किसी चिकित्सक के द्वारा सरकारी चिताओं पर दवाई नहीं लिखा गया था और ना ही कोई चिकित्सक मेरी पुत्री को देखने आए थे।

विधायक का पैरवी भी नहीं आया काम
मृतक युवती के पिता जितेंद्र दास ने बताया कि रात्रि में जब ड्यूटी पर मौजूद रोशन कुमार के द्वारा मेरी पुत्री को नहीं देखा गया तो हमने इसकी जानकारी फोन के माध्यम से मुंगेर भाजपा विधायक प्रणब कुमार को दी गई। इसके बाद विधायक ने तुरंत रिस्पांस लेते हुए फोन के माध्यम से चिकित्सक को फोन किया इसके बावजूद भी वह मेरी पुत्री को देखने नहीं आए। और जब मेरी बेटी की मौत हो गई।

इसके बाद इन लोगों की ओर से पुलिस को बुलाकर सरकारी चिट्ठा पर पोस्टमार्टम करने के लिए लिख दिया गया। जबकि नॉर्मल बीमारी से मौत होने को लेकर हमने पोस्टमार्टम कराने से इनकार किया और विधायक ने भी इसे रोक लगाने के लिए फोन किया तब भी अस्पताल प्रशासन के द्वारा जबरन मेरी बेटी के डेट बॉडी को लापरवाही चिकित्सक के द्वारा अपने आप को बचने के लिए पोस्टमार्टम करा दिया गया।

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