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मुजफ्फरपुर8 मिनट पहले
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शिक्षक दिवस विशेष
अच्छी शिक्षा व अच्छे संस्कार के जरिए ही राष्ट्र व समाज का विकास संभव है। और यह काम शिक्षक से बेहतर कोई नहीं कर सकता। समाज के कुछ ऐसे व्यक्ति भी हैं जो शिक्षा के महत्व को बखूबी समझते हैं और उन बच्चों के बीच इसे बखूबी फैला रहे हैं जो सिस्टम के फोकस से दूर हैं। इनपर हमें नाज है। शिक्षक दिवस पर ऐसी छोटी-छोटी पहल की कहानियां…
झुग्गी – झोपड़ियों में रहने वाले कचरा चुनने वाले बच्चे जो कभी मुक्तिधाम पहुंचे पार्थिव शरीर से फल उठाकर खाते थे। भूख मिटाते थे। अंतिम संस्कार के लिए पहुंचे शव से पैसा चुनकर गुजर – बसर करते थे। इनके हाथों ने जब कलम पकड़ी तो फिर एक से 10 और 10 से 100 और इसी तरह आंकड़ा बढ़ता गया। मुक्तिधाम में अप्पन पाठशाला वंचित बच्चों का सपनों का स्कूल बन गया। यहां अभी 138 से अधिक बच्चों का नामांकन है। 100 से अधिक रोज उपस्थित होते हैं।
ऐसे पड़ी नींव
अप्पन पाठशाला के जनक सुमित बताते हैं कि अपने मित्र के दादाजी के निधन पर मुक्तिधाम पहुंचे थे। वहां मलिन बस्तियों के बच्चों की दुर्दशा देखी। लगा कि इन्हें साक्षर बनाकर सशक्त किया जाए तो उन्हें नया भविष्य मिलेगा। सुमित ने बच्चों के माता-पिता से बात कर बच्चों को पढ़ाना शुरू किया। शुरूआत में 2 बच्चे थे आज 100 से अधिक बच्चे यहां पढ़ रहे हैं। सुमित ने अपने दो मित्रों सुमन सौरव और अभिराज कुमार से भी सहयोग लेना शुरू किया। आने वाले समय में बच्चों को पढ़ाई के साथ कंप्यूटर की शिक्षा भी देंगे ताकि वे आत्मनिर्भर बन सके।
सीए की नौकरी छोड़ी, अब एक हजार बच्चों को दे रहे हैं शिक्षा’
मधुबनी जिले के बाढ प्रभावित इलाके मधेपुर प्रखंड के मधेपुर गांव निवासी सीए प्रभाष झा ने अच्छी-खासी नौकरी छोड़ 2017 के फरवरी अपने गांव मधेपुर मुसहरी टोला पश्चिमी में ‘ज्ञानोदय’ नामक नि:शुल्क शिक्षा केन्द्र शुरू किया। अब तक ज्ञानोदय केन्द्रो से 1000 से अधिक बच्चे जुड़ चुके हैं। कहते हैं अगले 5 वर्षों में एक लाख से अधिक जरूरतमंद बच्चो को इस अभियान से जोड़ा जाएगा।
बच्चों को निशुल्क शिक्षा व सामग्री देते हैं पति- पत्नी
मधुबनी | 5 सितंबर 2021 को सेवानिधि फाउंडेशन ने सेवा निधि पाठशाला की शुरुआत की। गरीब व मेधावी छात्र छात्राओं को निशुल्क शिक्षा एवं पठन-पाठन सामग्री, यूनिफॉर्म, जूता चप्पल और बच्चों के उपयोग आने वाले दैनिक सामग्री हम लोगों ने निशुल्क उपलब्ध करवाया। आज पाठशाला में 60 से अधिक बच्चों को शिक्षा मिल रही है। सेवादार अपना जन्मदिन या अपने बच्चों का जन्मदिन सेवानिधि पाठशाला के बच्चों के साथ मनाते हैं और उनके कॉपी किताब ड्रेस इत्यादि देते हैं और उन लोगों की मदद से ही शिक्षा लगातार जारी है।
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