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यासमीन को निशा बनाकर 22 ने 3 राज्यों में बेचा: बोलते- हिंदू नाम रख लो फिर देखो कैसे किस्मत बदल जाएगी

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यासमीन को निशा बनाकर 22 ने 3 राज्यों में बेचा: बोलते- हिंदू नाम रख लो फिर देखो कैसे किस्मत बदल जाएगी

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पटना40 मिनट पहले

15 साल की यासमीन (बदला हुआ नाम) को निशा बनाकर 22 लोगों ने 3 राज्यों में बेचा। मोबाइल के लिए फटकार पर घर से भागी यासमीन पटना जंक्शन पर मानव तस्करों के हाथ लग गई। बिहार और दिल्ली के बाद फाइनल डील हरियाणा के कैथल में 1.70 लाख में हुई। मानव तस्करों के चंगुल से 105 दिन बाद बरामद हुई यासमीन ने सौदे की पूरी कहानी बताई। इस बार संडे स्टोरी में पढ़िए मानव तस्करों के चंगुल में फंसती बिहारी बेटियों की कहानी…

केस-1: तस्कर बोला नाम बदलो, बदल जाएगी किस्मत

7 फरवरी 2022 की रात यासमीन की लाइफ की सबसे काली रात थी। पटना से 55 किलो मीटर दूर की रहने वाली 15 साल की यासमीन गुस्से में पटना जंक्शन पहुंच गई थी। यात्रियों की भीड़ देख वह एक नंबर प्लेटफार्म पर खड़ी हो गई। वह जंक्शन की चकाचौंध में खोई थी, इस बीच एक महिला ने उसका दाहिना हाथ पकड़ लिया। यासमीन कुछ समझ पाती, महिला ने सवाल किया कहां जाएगी। यासमीन हड़बड़ाहट में कुछ बोल नहीं पाई, महिला को लगा निशाना ठीक है। पहले उसने तसल्ली की और फिर यासमीन को एगरोल और कोल्ड ड्रिंक दिया। नाश्ता करने के 20 मिनट बाद ही यासमीन को नशा चढ़ गया। वह महिला के साथ कब लखीसराय पहुंच गई, पता ही नहीं चला। घर से गुस्से में भागी यासमीन का लखीसराय में माइंडवॉश किया गया, इसके बाद वहां डीलिंग की गई। सौदा फाइनल नहीं हुआ तो महिला ने कहा यासमीन से निशा बन जाओ, किस्मत बदल जाएगी। यासमीन निशा बन गई और महिला उसे लेकर दिल्ली पहुंच गई।

एक रात बिताई फिर भी नहीं हुआ सौदा

दिल्ली में यासमीन को निशा नाम का आधार कार्ड थमाकर ISBT के पास एक पार्क में बैठा दिया गया। कई ग्राहकों को पसंद करने के लिए पार्क में बुलाया गया, एक रात दिल्ली में एक लड़के साथ रखा गया। एक रात रहने के बाद भी सौदा पक्का नहीं हो सका। इस बीच 1.70 लाख में हरियाणा के कैथल के टिथाना गांव में सौदा पक्का हो गया। महिला और चार युवक यासमीन को लेकर कैथल पहुंच गए। डीलिंग के बाद पैसा लेकर महिला ने यासमीन को एक बुजुर्ग के हाथ सौंप दिया। बुजुर्ग लड़की के साथ कई दिनों तक खेला फिर एक युवक से उसकी शादी करा दी गई। गुस्से में घर से भागी यासमीन को डीलिंग पूरी होने तक हल्का नशा देकर मदहोश किया गया था। मानव तस्करों के जाल में फंसने के बाद 100 दिन बाद यासमीन को मोबाइल मिला तो उसने घर वालों को पूरी कहानी सुनाई। सूचना बचपन बचाओ आंदोलन की बिहार टीम को लगी, जिसके बाद 15 मई को मुकदमा दर्ज किया गया। जहानाबाद और हरियाणा पुलिस की संयुक्त छापेमारी में 22 मई 2022 को 105 दिन बाद यासमीन को बरामद किया गया। वह अब अपने परिवार वालों के साथ है, लेकिन 105 दिनों में उसका कई बार सौदा हुआ और हर सौदे में बड़ा दाग लगाया गया।

यासमीन को निशा बनाने वाली पूजा को जानिए

यासमीन को निशा बनाकर बिहार से लेकर दिल्ली हरियाणा में खरीद फरोख्त करने के मामले में पुलिस की जांच में 22 लोगों का चेहरा बेनकाब हुआ। इसमें पूजा का खुलासा भी हुआ, जिसने यासमीन को पटना से लेकर दिल्ली तक नेटवर्क के माध्यम से कई बार सौदा किया। पूजा काफी प्रयास के बाद कानपुर में गिरफ्तार हुई। वह दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र और यूपी के साथ कई राज्यों में मानव तस्करों के संपर्क में रही। पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद पूजा ने कई बड़ा खुलासा किया था। पूजा 12 से अधिक बिहार की लड़कियों का सौदा कर चुकी है, जबकि अधिक संख्या में अन्य राज्यों की लड़कियों को बिहार में नौकरी का झांसा देकर सेक्स रैकेट के धंधे में उतार चुकी है। फिलहाल पूजा के साथ कुल 8 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इसमें हरियाणा के भी तस्कर शामिल हैं। पुलिस अन्य आरोपियों के साथ अब तस्करों का नेटवर्क खंगाल रही है।

केस-2 : मौसी ने कर दिया मानव तस्करों से सौदा

14 साल की स्वीटी कुमारी का उसकी मौसी ने ही मानव तस्करों से सौदा कर दिया। सासाराम की रहने वाली नाबालिग लड़की को मौसी ने पहले परिवार वालों के खिलाफ भड़काया, फिर उसे नौकरी का लालच देकर मानव तस्करों के हाथ लगा दिया। मौसी ने मानव तस्करों से दो लाख रुपए में डील की और स्वीटी कुमारी को नौकरी के बहाने राजस्थान के एजेंट को सौंप दिया। मीना को कुछ जानकारी ही नहीं थी, उसका बेंच दिया गया था। मीना की तलाश में घर वालों की हालत खराब हो गई। कई बार थाना पर दौड़कर गए लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। लड़की ने किसी तरह से घर वालों से संपर्क किया और फिर मामला बचपन बचाओ आंदोलन की बिहार टीम तक पहुंचा। पुलिस 3 माह से घर वालों को दौड़ा रही थी, लेकिन बचपन बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ताओं का दबाव बढ़ा तो घटना के 3 माह बाद पुलिस ने अपहरण का मुकदमा दर्ज किया। बचपन बचाओ आंदोलन की बिहार यूनिट ने राजस्थान के कार्यकर्ताओं से संपर्क किया। इसके बाद पुलिस की छापेमारी की गई और लड़की को राजस्थान बूंदी जिले से बरामद किया गया।

केस-3: पहले रोमा फिर रानू और अब रूबी के नाम से बेचा

किशनगंज की एक 16 साल की मुस्लिम लड़की को 6 माह में 3 बार अलग अलग नाम और जाति बदलकर बेचा गया। बिहार में मानव तस्करी रोकने को लेकर नेपाल सीमा पर काम करने वाली संस्था के राकेश सिंह बताते हैं कि सीमांचल की मजबूर बेसहारा लड़कियों को मानव तस्कर जाति और धर्म बदलकर बेच देते हैं। किशनगंज की एक मुस्लिम परिवार की लड़की माता पिता को लंबी बीमारी में खोने बाद रोजगार की तलाश में मानव तस्करों के हाथ लग गई। किशनगंज में उसकी मुलाकात एक महिला से हुई जो बिहार से लेकर चंडीगढ़ तक फैले अपने नेटवर्क के माध्यम से लड़की को रोमा बनाकर बेचा, कुछ दिन बाद लड़की जब दबाव बनाई तो उसे नए जगह काम के बहाने रानू बनाकर बेच दिया फिर तीसरी बार रूबी बनाकर 2 लाख में बेचा। एनजीओ की मदद से लड़की का रेस्क्यू चंडीगढ़ में कराया गया, इसके बाद यह बड़ा खुलासा हुआ। एनजीओ के वॉलंटियर बताते हैं कि लड़की को परिवार वाले वापस लाने के बाद दुमका के रहने वाले अपने ही एक दूर के रिश्तेदार के घर ब्याह दिया है।

चंडीगढ़ में फसी हैं सीमांचल की लड़कियां

दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में बिहार की लड़कियां अधिक संख्या में फंसी हैं। बिहार में काम करने वाली संस्थाओं की माने तो अकेले किशनगंज की 12 से अधिक लड़कियां चंडीगढ़ में फंसी हैं। संस्था के वॉलंटियर केशव बताते हैं कि किशनगंज के कई परिवारों ने पुलिस से करवाई की मांग की है। ऐसी परिवारों का आरोप है कि लड़कियों को मानव तस्करों के काम का लालच देकर बेच दिया है। पूर्णिया और कटिहार की लड़कियों के साथ भी ऐसे ही धोखा किया गया है। सीमांचल में गरीबी और मानव तस्करों का नेटवर्क इसके लिए बड़ा कारण बन रहा है। ह्यूमन ट्रैफिकिंग को लेकर काम करने वाली राष्ट्रीय स्तर की एक स्वयं सेवी संस्था इस पर काम भी कर रही है। बताया जा रहा है कि संस्था ने पुलिस के आला अफसरों से संपर्क किया है। संस्था की पहल के बाद माना जा रहा है कि बिहार से लेकर चंडीगढ़ तक बड़ा रेस्क्यू होगा।

मानव तस्करों का 2 तरह से काम करता है नेटवर्क

बिहार के साथ देश के कई राज्यों में सक्रिय मानव तस्करों का नेटवर्क काम करता है। मतलब बिहार से लड़कियों को अन्य राज्यों में ले जाकर बेचते हैं। अन्य राज्यों की लड़कियों का सौदा बिहार में करते हैं। तस्करों का यह नेटवर्क ऐसी लड़कियों का सौदा करता हैं जो किसी न किसी समस्या के कारण घर परिवार को छोड़ने को तैयार रहती हैं। इनके जाल में सबसे अधिक लड़कियों की तस्करी सेक्स रैकेट के लिए की जाती है। रोजगार के बहाने गरीब और मजबूर लड़कियों का सौदा देश के अलग अलग राज्यों में होता है।

बिहार सहित 8 राज्यों में फैला दलालों का जाल

बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, बंगाल, हरियाणा, छत्तीसगढ़, चंडीगढ़ और असम में एक बड़ा रैकेट काम कर रहा है जो लड़कियों की खरीद बिक्री का काम कर रहा है। बचपन बचाओ आंदोलन के स्टेट कोऑर्डिनेटर अर्जित अधकारी का कहना है कि अब तक हर रेस्क्यू में ऐसा ही खुलासा हुआ है। नए मामलों में भी ऐसे नेटवर्क सामने आ रहे हैं। जहानाबाद की लड़की की हरियाणा में बिक्री की घटना में भी ऐसे ही नेटवर्क सामने आए हैं। इसका तार पूरी तरह से सेक्स रैकेट से जुड़ा हुआ है। जिस लड़की को एक बार बेच दिया गया, वह फिर मुश्किल से ही लौटकर घर जाती हैं। अधिकतर मामलों में लड़कियां सेक्स रैकेट की जाल में फंस जाती हैं। कुछ शादी के लिए बेच दी जाती हैं, कुछ सेक्स रैकेट के लिए ही रैकेट से डील की जाती है। बिहार की लड़कियां अधिकतर चंडीगढ़ और हरियाणा में बेची जा रही हैं।

आर्केस्ट्रा के नाम पर डांसरों से चला रहे रैकेट

बिहार में आर्केस्ट्रा के नाम पर सेक्स रैकेट का धंधा चल रहा है। बाहर से डांसरों को आर्केस्ट्रा के लिए लाया जा जाता है, फिर उन्हें सेक्स रैकेट के धंधे में उतार दिया जाता है। पटना में अब तक जो भी खुलासा हुआ है, लड़कियों को आर्केस्ट्रा के नाम पर ही सेक्स रैकेट में उतारने का ही हुआ है। पटना में एक माह में पुलिस से 12 से अधिक छापेमारी हुई है, जिसमें 16 लड़कियों को बरामद किया गया है। इसमें छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और बंगाल की लड़कियां शामिल हैं, जिन्हें आसानी से बिहार में लाकर इस धंधे में लाया जाता है। पटना का गुलशन अभी भी फरार है, पुलिस ने दो थाना क्षेत्रों में छापेमारी के बाद 8 लड़कियों को बरामद किया गया था। पटना के होटलों में छापेमारी के दौरान भी अन्य राज्यों की लड़कियां बरामद होती हैं।

हरियाणा की डांसर ने मना किया तो मार दी थी गोली

डांसरों को बिहार लाकर उन्हें सेक्स रैकेट के लिए काम करने का दबाव बनाया जाता है। हरियाणा की डांसर सोनम सिंह के साथ भी ऐसा ही किया गया था। सोनम पर काफी दबाव बनाया गया, कई बार उसके कमरे में ग्राहकों को भेजा गया। वह तैयार नहीं हुई, जिसपर उसे गोली मारी गई। हालांकि निशाना सही नहीं था, गोली जांघ में लगी जिससे पैर की मोटी हड्‌डी दो जगह टूट गई। सोनम ने मुहिम चलाई और कलाकारों से बिहार नहीं आने की अपील की थी। इस घटना के बाद बाद सोनम हरियाण चली गई लेकिन आज भी उसे जान से मारने की धमकी मिल रही है। सोनम का कहना है कि बिहार के लोग उसे बार बार धमकियां दे रहे हैं, क्योंकि उसने घटना के बाद सेक्स रैकेट की पोल खोल दी थी।

मानव तस्करी का एक नया ट्रेंड

बिहार से मानव तस्करी का एक नया ट्रेंड तेजी से बढ़ा है, इसमें रोजगार के नाम पर देश के अन्य राज्यों में ले जाया जाता है। पटना से होकर तस्करों की गाड़ी गुजरती है। माइनर बच्चों को बिहार के अलग-अलग जिलों से अन्य राज्यों में भेजा जाता है। पटना के एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो का कहना है कि देह व्यापार में सेक्स स्कैंडल का मामला आता है, लेकिन लेबरों की भी मानव तस्करी हो रही है। बिहार से अन्य राज्यों में मजदूरी के नाम पर बच्चों को ले जाया जाता है। राजस्थान से 8 बच्चों को बरामद किया गया है। आगरा से भी बच्चों को बरामद किया गया है। इस पर अंकुश लगाने के लिए एंटी ट्रैफिकिंग टीम काम कर रही है। पुलिस का दावा है कि सूचना तंत्र को पूरी तरह से एक्टिव किया गया है, जिससे मानव तस्करी के मामले चाहे देह व्यापार के लिए हो रहे हो या फिर मजदूरी के लिए किया जा रहा हो, इस पर पूरी तरह से अंकुश लगाया जा सके।

बचपन बचाओ आंदोलन के स्टेट कोऑर्डिनेटर अर्जित अधिकारी बताते हैं कि अंतरराज्यीय मानव तस्करी का जाल बिहार में फैलता जा रहा है। पटना से लेकर राज्य के अन्य जिलों में सेक्स रैकेट का बड़ा नेटवर्क है। एजेंट ऐसी बच्चियों पर नजर रखते हैं, जिनका परिवार में किसी न किसी तरह की समस्या है। एजेंट संपर्क कर लालच देकर सेक्स रैकेट के धंधे में लगा देते हैं।

मुश्किल होता है बाहर निकालना

क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. डॉ बिंदा सिंह कहती हैं कि सेक्स रैकेट या अन्य किसी अनैतिक काम में फंसने वाली लड़कियों को बाहर मानसिक रूप से बाहर निकालना थोड़ा मुश्किल होता है। अधिकतर लड़कियां अपराध बोध महसूस करती हैं। इस कारण से वह अवसाद के साथ अन्य कई मानसिक बीमारियों की जाल में फंस जाती हैं। पूरी जिंदगी लड़कियां अपराध बोध के बाद भी गलती करती जाती हैं।

इधर, ऐसे बढ़ते मामलों को लेकर पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने कहा कि चार माह में पटना के कई थानों में रेड किया गया है। सेक्स रैकेट को खुलासा हुआ है। एंटी ह्यूमन राइट की एक टीम पटना में काम कर रही है। हर 15 दिन पर होटल व संदिग्ध स्थानों पर छापेमारी की जा रही है। मानव तस्करी रोकने के लिए पुलिस एक्टिव है। सार्वजनिक स्थानों पर छापेमारी की जा रही है।

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