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आरा2 मिनट पहले
यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने के लिए चल रहे ‘ऑपरेशन गंगा’ में क्यीव से आरा की अश्विनी भी सुरक्षित घर लौट आई है। वह शहर के शिवगंज की रहने वाली हैं। बेटी को लाने के लिए माता-पिता के साथ पूरा परिवार शुक्रवार रात पटना एयरपोर्ट गया था। बेटी को अपनी आंखों के सामने देख परिवार की खुशियां आंसुओं के रूप में बाहर आ रही थी।
आरा लौटने के बाद अश्विनी ने कहा कि वो क्यीव में O O Bogomolates Medical University की छात्रा है। घर वापस लौटने के बाद काफी सुकून मिल रहा है। लेकिन वहां अभी भी बिहार और आरा के कुछ बच्चे फंसे हुए हैं। कुछ तो जूनियर भी हैं जो अभी-अभी आए थे। उनकी टेंशन लगी रहती है।
मां के साथ अश्विनी।
जान हथेली पर रखकर क्रॉस किया बॉर्डर
अश्विनी ने भास्कर से बताया कि हमारे हॉस्टल के पास तक रूसी सेना पहुंच गई थी और हमला करते हुए गोला-बारूद दाग रही थी। हम लोग बंकरों में थे। ऐसा लगता था जैसे जिंदगी थम गई है। भारत सरकार हमें एडवाइस देती थी कि आप बॉर्डर तक आ जाएं। बंकर से बॉर्डर तक हमें ही तय करना होता था कि कैसे जाएंगे। हम लोगों ने जान हथेली पर रखकर गूगल मैप के सहारे बॉर्डर क्रॉस किया था। इसके बाद इंडियन एंबेसी ने मदद की और हम सुरक्षित लौटे।
यूक्रेन में अपने दोस्तों के साथ अश्विनी।
अब सता रही पढ़ाई की टेंशन
अश्विनी ने कहा कि पेरेंट्स का सपना था, हम जिस लक्ष्य को लेकर वहां गए थे, उसे पूरा करके लौटें। लेकिन युद्ध के कारण हमारा सपना टूटता हुआ नजर आ रहा है। अभी तो ऐसा लग रहा है कि स्टडी पूरी होगी पाएगी या नहीं।
मां बेबी चौधरी ने कहा कि बेटी के लौटने के बाद बहुत सुकून तो मिला है। लेकिन अभी भी प्रार्थना चल रही है कि जो भी बच्चे वहां फंसे हैं, वह जल्द से जल्द अपने घर अपने परिवार के पास सुरक्षित लौट जाएं। डर तो यह भी लग रहा है कि अब हमारी बेटी का एजुकेशन पूरा हो पाएगा या नहीं।
(रिपोर्ट – अभिनय प्रकाश)
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