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आरा4 घंटे पहले
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- सीनेट की बैठक में छात्रहितों की अनदेखी का छात्र नेताओं का आरोप
- छात्रहित की नजरअंदाजी का लगाया आरोप, कुलपति का पुतला फूंका, कुलपति आवास का घेराव, पुलिस के साथ भी हुई हाथापाई
वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय परिसर में ऑनलाइन सीनेट की बैठक व उसमें छात्रहितों की नजरअंदाजी के आरोपों के साथ कई छात्रों ने विश्वविद्यालय में हंगामा व विरोध प्रदर्शन किया। उग्र कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय और कुलपति आवास में तोड़फोड़ किये।
छात्र संगठन आइसा, छात्र राजद, जाप एवं छात्र जदयू के कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा मचाया एवं तोड़फोड़ किया। इस बीच ऑनलाइन बैठक में वर्ष 2021-22 के लिए 6 अरब 53 करोड़ 71 लाख 36 हजार 36 रुपए की घाटे की बजट राज्य सरकार के पास भेजने के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया।
इस दौरान सुबह 10:15 बजे आइसा के कार्यकर्ता कुलपति मुर्दाबाद का नारे लगाते हुए विश्वविद्यालय परिसर के मुख्य गेट का ताला तोड़ते हुए परिसर में प्रवेश कर गए। इसके बाद सुबह करीब 10:20 बजे जाप एवं छात्र राजद के कार्यकर्ता परिसर में प्रवेश कर गए। जाप के कार्यकर्ता प्रशासनिक भवन में प्रवेश करने की फिराक में थे।
सफलता नहीं मिलने पर आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने परिसर में स्थित बेंच को तोड़ डाला। अन्य कार्यकर्ता प्रशासनिक भवन के मुख्य गेट पर ही लेट गए। इधर, छात्र राजद के कार्यकर्ताओं ने भी परिसर में हंगामा मचाते हुए कुलपति प्रो देवी प्रसाद तिवारी का पुतला दहन किया। स्थिति को तनावपूर्ण देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने अतिरिक्त पुलिस-बल को बुलाकर परिसर को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया।
कुलपति आवास का किया घेराव
आइसा के कार्यकर्ताओं ने दोपहर 12 बजे कुलपति आवास का घेराव किया। आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने कुलपति आवास पर नेम-प्लेट को उखाड़ कर फेंक दिया। कार्यकर्ता आवास के भीतर जबरन प्रवेश करने का प्रयास कर रहे थे। मौके पर मौजूद स्थानीय प्रशासन के साथ नोकझोंक एवं धुक्का-मुक्की भी हुआ। कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय प्रबंधन एवं कुलपति के खिलाफ आक्रोशपूर्ण नारे लगाए। कुलपति आवास के गेट पर आइसा के कार्यकर्ताओं ने सभा भी की।
विधानसभा में उठेगा मामला: विधायक
विवि में भाकपा माले के विधायक मनोज मंज़िल भी पहुंचे। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति चोरी-छिपे सीनेट की बैठक कर बजट पास कर देना चाहते हैं। इस विषय को सड़क से लेकर सदन तक उठाया जाएगा।
कुछ सदस्य आपस में मिलकर छात्रों के पैसे को मिल बांटकर खा लेना चाहते हैं। इन्हें छात्रों के विरोध से डर लगता है। इसीलिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपने आवास से ही ऑनलाइन बैठक किया है। कुलपति अपने आवास से ही सीनेट चला रहे हैं। छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। इसे आइसा बर्दाश्त नहीं करेगा।
आइसा के राज्य सचिव सबीर कुमार, जिलाध्यक्ष पप्पू कुमार एवं जिला सचिव रंजन कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ होगा कि सीनेट की बैठक कुलपति अपने आवास से संचालित कर रहे हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन के इस रवैये से साफ पता चलता है कि सीनेट की बैठक में छात्रों के सवाल पर कितनी बातचीत होती होगी। प्रदर्शन में जिला संयोजक शिव प्रकाश रंजन, आइसा के जिला सहसचिव शुशील यादव, सुधीर कुमार, विकास कुमार आदि थे।
छात्र राजद ने कुलपति का पुतला फुंका
छात्र राजद के कार्यकर्ताओं ने कुलपति प्रो देवी प्रसाद तिवारी का पुतला दहन किया। अध्यक्षता छात्र राजद अध्यक्ष रजनीश यादव व संचालन जिलाध्यक्ष अनूप मौर्य ने किया। छात्र राजद पटना प्रमंडल अध्यक्ष भीम यादव ने कहा कि छात्र राजद 10 मांगों को लेकर जब सीनेट का घेराव करने उतरा तो कुलपति फर्जी तरीके से वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में आनलाइन सीनेट करा कर वित्तीय बजट को बंदरबांट करने की घोर साजिश रच रहे है।
महाराजा विधि महाविद्यालय और शिक्षा विभाग के शिक्षकों एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों के साथ जिस तरह से अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है ऐसे कुलपति को पद पर बने रहने की आवश्यकता नहीं है। सीनेट घेराव में विश्वविद्यालय प्रभारी अरविंद यादव, प्रदेश सचिव प्रकाश कुमार, मोहम्मद ताहिर, विश्वविद्यालय प्रधान महासचिव मनीष राव, मुन्ना सम्राट, उपाध्यक्ष तेजू त्यागी, मदन मोहन मालवीय, धर्मेंद्र, धीरज, नीतीश आर्यन, गुड्डू, चंदन आदि शामिल थे।
सीनेट सदस्याें ने भी ऑनलाइन बैठक का किया विराेध
छलपूर्वक कुलपति ने कराया सीनेट की बैठक ऑनलाइन सीनेट का विरोध निर्वाचित सीनेट सदस्य डॉ. नीरज कुमार ने किया है। डॉ. कुमार ने कुलाधिपति को पत्राचार करते हुए विश्वविद्यालय की स्थिति से अवगत कराया है। कहा है कि छलपूर्वक सभी निर्वाचित एवं मनोनीत सदस्यों को बिना बताए अचानक ऑनलाइन बैठक कराकर संस्था की प्रतिष्ठा को धूमिल किया गया है।
संलेख और साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराया गया
सीनेट सदस्य देववंश सिंह ने ऑनलाइन सीनेट का बहिष्कार किया है। कहा कि सदन के द्वारा संलेख एवं साक्ष्य को उपलब्ध नहीं कराया गया है। 8 जनवरी को जो अधिसूचना जारी किया गया था उसमें तिथि का जिक्र था। परन्तु स्थान के बारे में नहीं बताया गया था। यह सोची समझी रणनीति के तहत ऑनलाइन बैठक कराया गया है। 9 जनवरी को जब अधिसूचना जारी किया गया था तो तब तक प्रस्थान नहीं करने को कहा गया था। सारे मामले से कुलाधिपति को अवगत कराएंगे।
वहीं, सीनेट सदस्य केडी यादव ने कहा कि कुलपति द्वारा जिस प्रकार से मनमानी तरीके से जूम ऐप पर सीनेट की बैठक कराया गया है यह लोकतंत्र की गला घोटना है। जिस प्रकार से कुलपति द्वारा साजिश करके इस मीटिंग को अरेंज किया गया है और बजट पास किया गया है। यह कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बजट में न सीनेट सदस्य से सहमति ली गई है ओर न ही किसी बिंदू पर चर्चा की गई है।
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