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पटना6 घंटे पहले
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प्रतीकात्मक फोटो।
बिहार सरकार ने मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में 17 महत्वपूर्ण एजेंडों को पास किया। इस बैठक में पंचायत चुनाव कराने को लेकर अंतिम मुहर लगा दी गई। 11 चरण में होने वाला ये चुनाव 24 सितम्बर से शुरू हो जाएंगे। नीतीश कैबिनेट ने केंद्र की तर्ज पर राज्य कर्मियों के DA में बढ़ोतरी का ऐलान किया है। सरकारी कर्मी और पेंशनभोगियों को 1 जुलाई 2021 के प्रभाव से 28 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जाएगा। इसको लेकर 2216 करोड़ रुपये का भार बिहार सरकार पर बढेगा। वही, नगर निकायों में जलापूर्ति के लिए पेयजल उपयोग शुल्क नीति को मंजूरी दी गयी है। पेयजल चार्ज सरकारी, गैर सरकारी, व्यवसायिक संस्थानों के लिए अलग होगा। प्रॉपटी टैक्स के मुताबिक तय किया गया है।
प्रधानाध्यापक के लिए 5334 पद होंगे
कैबिनेट की बैठक में बिहार की महिलाओं के लिए BPSC और UPSC के मेंस के लिए सिविल सेवा प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया गया है। BPSC के लिए 50 हजार और UPSC के 1 लाख दिया जाएगा। वहीं, अब हाईस्कूल में प्रधानाध्यपक और प्राइमरी स्कूल में प्रधान शिक्षक के लिए BPSC परीक्षा लेगा। प्रधान शिक्षक का पद जिला स्तरीय होगा। प्रधानाध्यापक का पद प्रमंडलीय स्तर का होगा। इनका स्थानांतरण भी किया जा सकता है। प्रधानाध्यक के लिए 5334 पद होंगे और प्रधान शिक्षक के लिए 40,058 पद होंगे।
55 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई
बिहार कृषि विश्वविद्यालय के अधीन कृषि अनुसंधान संस्थान मीठापुर में एक नए कृषि व्यवसाय प्रबंधन महाविद्यालय की स्थापना की स्वीकृति और इसके लिए शैक्षणिक 42 तथा गैर शैक्षणिक 9 पदों समेत कुल 51 पदों का सृजन किया गया है। सबौर में एक नए कृषि जैव प्रौद्योगिकी महाविद्यालय की स्थापना की स्वीकृति तथा इस महाविद्यालय के लिए शैक्षणिक 24 तथा गैर शैक्षणिक 15 पद कुल 39 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है। भोजपुर में एक नए कृषि अभियंत्रण महाविद्यालय की स्थापना की स्वीकृति दी गई तथा कुल 55 पदों के सृजन की स्वीकृति भी दी गई है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में महाविद्यालय के कार्यों को सुचारू रूप से संचालन के लिए बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर को 3 करोड़ की सहायक अनुदान की स्वीकृति दी गई है।
7000 दुग्ध उत्पादक सहयोग समितियों का गठन
बिहार में 2024- 25 तक 4 वर्षों में कुल 56 करोड़ की लागत से कंफेड के तहत कुल 7000 दुग्ध उत्पादक सहयोग समितियों का गठन तथा वित्तीय वर्ष 2021-22 में 1000 नए समितियों के गठन पर कुल ₹14 करोड़ की सहायक अनुदान गैर-वेतन के रूप में व्यय करने की स्वीकृति दी गई है। वित्तीय वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक 4 वर्षों में कुल 30 करोड़ 10 लाख की लागत व्यय पर विपणन तंत्र का शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में विस्तारीकरण योजना की स्वीकृति दी गई है।
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