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पटना4 घंटे पहले
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पटना में इंडिगो के स्टेशन हेड रुपेश सिंह की फाइल फोटो।
इंडिगो के स्टेशन हेड रुपेश सिंह की हत्या को 4 महीने से अधिक बीत गए। इसी साल 12 जनवरी की देर शाम अपराधियों ने गोली मारकर उनकी हत्या पुनाइचक स्थित उस अपार्टमेंट के बाहर कर दी थी, जहां वो फ्लैट में अपने परिवार के साथ रह रहे थे। बिहार के हाई प्रोफाइल मर्डर में से एक इस कांड को अंजाम देने वालों में शामिल चौथा अपराधी आर्यन जायसवाल अब भी फरार है। पटना पुलिस उसे पकड़ नहीं पाई है। आर्यन मूल रूप से बख्तियारपुर के पास के गांव का रहने वाला है।
आर्यन को पकड़ने के लिए पटना पुलिस ने लॉकडाउन से पहले तक अलग-अलग कई जगहों पर छापेमारी की। लेकिन, उन ठिकानों पर अपराधी पुलिस के हाथ नहीं लगा। पुलिस पहले ही इसके गिरफ्तारी का वारंट कोर्ट से हासिल कर चुकी है। वारंट लेने के बाद भी शास्त्रीनगर थाने की पुलिस इसकी तलाश में खाक छानती रही। मगर, कोई सफलता नहीं मिली। इसके बाद पुलिस ने कोर्ट से अपील कर के फरार आर्यन के खिलाफ इश्तेहार हासिल किया। उसके घर पर इश्तेहार चस्पाया भी। इसे गिरफ्तार करने के लिए पुलिस अपने स्तर पर कोशिश कर ही रही थी कि कोरोना की दूसरी लहर ने राजधानी समेत पूरे बिहार में दस्तक दे दी, जिसके बाद पुलिस की छापेमारी थम गई। कोर्ट भी बंद हो गया। ऐसे में फरार आर्यन की संपत्ति को जब्त करने के लिए पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर पाई।
पुलिस को अब कोर्ट खुलने का इंतजार
पुलिस को अब कोर्ट के खुलने का इंतजार है। कोर्ट खुलते ही केस के इंवेस्टिगेशन ऑफिसर व शास्त्रीनगर के थानेदार की तरफ से आर्यन की संपत्ति को कुर्क करने के लिए आवेदन दाखिल किया जाएगा। पटना के SSP उपेंद्र कुमार शर्मा के अनुसार चौथे अपराधी को पकड़ने के लिए उनकी टीम की कोशिशें जारी है। उम्मीद है कि जल्द ही इस मामले में सफलता मिलेगी। रुपेश सिंह की हत्या करने वाले मुख्य अपराधी ऋतुराज सिंह को पुलिस ने सबसे पहले पकड़ा था। फिर इसके दोस्त व दूसरे अपराधी सौरभ उर्फ खरहा को गिरफ्तार किया था। वहीं, तीसरे अपराधी पुष्कर उर्फ जयशंकर उर्फ छोटू ने पटना सिविल कोर्ट में चुपके से सरेंडर कर दिया था। रिमांड पर लेकर इन तीनों से पूछताछ भी हुई थी।
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