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पूर्णिया17 मिनट पहले
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समाहरणालय परिसर जलमग्न हो गया है।
पूर्णिया में ‘यास तूफान’ का असर शुक्रवार को भी देखने को मिला। लगातार दो दिनों से हो रही बारिश ने पूर्णिया के कई इलाकों को जलमग्न कर दिया है। शहर के RN साव चौक से समाहरणालय जाने वाली सड़क में पानी जमा हो गया। पूरा समाहरणालय परिसर जलमग्न हो चुका है। इसके अलावा शहर के बाड़ीहाट मोहल्ले में घुटनाभर पानी लगने से लोग घरों में बंद हैं। जल निकासी की व्यवस्था नहीं होने के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बारिश के कारण शहर की कई गलियां में जलजमाव के कारण लोगों का हाल बेहाल हो गया है। कई घंटों तक बत्ती गुल होने से लोगों को समस्या हो रही है। तेज हवाओं व मूसलाधार बारिश के बाद से फसलों को नुकसान पहुंचा है।
पिछले 3 दिनों से लगातार आंधी और बारिश से धमदाहा, रूपौली और भवानीपुर प्रखंड में केले की फसल को भारी नुकसान हुआ है। कृषि विभाग के अनुमान के अनुसार करीब 1160 हेक्टेयर केले की फसल को 35 प्रतिशत से ज्यादा नुकसान हुआ है। कृषि समन्वयकों और किसान सलाहकार के द्वारा पंचायत स्तर पर किए जा रहे सर्वेक्षण के बाद आंकड़ा बढ़ भी सकता है।
ऑरेंज अलर्ट का दिखा असर
लगातार तीन दिनों से वायुमंडल का दवाब घटने के कारण और तापमान में हो रही बढ़ोत्तरी के कारण गुरुवार से ही मौसम का मिजाज बदला नजर आया। शुक्रवार तड़के सुबह से ही ऑरेंज अलर्ट का असर दिखाई दे रहा है। पिछले 3 दिनाों में 138 MM बारिश हुई है। पूर्णिया मौसम केंद्र के सहायक वैज्ञानिक वीरेन्द्र कुमार झा ने बताया कि वायुमंडल का लागातार दवाब घट रहा था। वहीं बंगाल की खाड़ी में बन रहे चक्रवाती तूफान यास के कारण मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है।उन्होंने बताया कि आने-वाले तीन चार दिनों में मौसम में बदलाव की कोई उम्मीद नहीं है। उन्होंने बताया कि मौसम विभाग के द्वारा पहले ही 25 से 28 मई तक के लिए अलर्ट जारी किया गया था।
मौसम का बदला मिजाज, 13 डिग्री गिरा तापमान
बुधवार से रुक-रुक कर मूसलाधार बारिश जारी है। बारिश के कारण से तापमान में भारी गिरावट देखने को मिल रहा है। तेज बारिश के बाद तापमान में करीब 13 डिग्री की गिरावट आई है। गुरुवार रात से लगतार शुक्रवार दोपहर तक बारिश होने के कारण शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी जल जमाव की समस्या हो गई है।
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