Home Bihar विदेशों तक नहीं पहुंच रहा शाही लीची का स्वाद: कीटनाशी की तय मात्रा पता नहीं होने से सिर्फ खाड़ी देश पहुंच रही लीची

विदेशों तक नहीं पहुंच रहा शाही लीची का स्वाद: कीटनाशी की तय मात्रा पता नहीं होने से सिर्फ खाड़ी देश पहुंच रही लीची

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विदेशों तक नहीं पहुंच रहा शाही लीची का स्वाद: कीटनाशी की तय मात्रा पता नहीं होने से सिर्फ खाड़ी देश पहुंच रही लीची

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मुजफ्फरपुरकुछ ही क्षण पहले

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महानगरों में भेजने लिए लोड की जा रही लीची की पेटियां। - Dainik Bhaskar

महानगरों में भेजने लिए लोड की जा रही लीची की पेटियां।

अपनी शाही लीची का देश व विदेशों में अलग पहचान हाेने के बाद भी हम लीची को अमेरिका व यूरोप तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं। इसका कारण है कीटनाशक की तय मात्रा की जानकारी नहीं होना। कीटनाशी के मानक का पता नहीं हाेने के साथ ही लीची काे बाेरर कीट से बचाने के लिए किसान व व्यापारी पारंपरिक रूप से अब तक किए जाने वाले कीटनाशी का छिड़काव कर रहे हैं। इसके कारण लीची काे विदेश भेजने का रिस्क काेई भी व्यापारी नहीं ले रहा है। 5-20 पेटी तक भारतीय मानक के अनुसार तैयार लीची काे व्यापारी केवल खाड़ी देशों तक ही पहुंचा पाते हैं।

यूनिक फूड लिमिटेड के प्रोपराइटर आलाेक केडिया ने बताया कि यूरोपियन यूनियन व अमेरिका के मानक के अनुसार लीची में किस कीटनाशी का छिड़काव कितनी मात्रा में करें? इसकी काेई जानकारी किसान व व्यापारियों काे नहीं है। इसके साथ ही उसके मानक के अनुसार कीटनाशी की मात्रा जांचने की यहां काेई व्यवस्था नहीं है।

कुछ वर्षों से दिल्ली एयरपोर्ट पर इसकी टेस्टिंग की व्यवस्था हुई है। लेकिन, जांच रिपोर्ट आने में 10 दिन से अधिक समय लग जाता है। इससे लीची बाहर भेजने लायक ही नहीं रहेगी। लीची उत्पादक संघ के अध्यक्ष बच्चा प्रसाद सिंह ने बताया कि 5 से 20 पेटी तक इंडियन मानक के अनुसार तैयार लीची काे किसी प्रकार खाड़ी देशों तक व्यापारी पहुंचा पाते हैं।

महानगरों तक लीची पहुंचाने के लिए बंदरा के बड़गांव में तैयार हाे रहा है पैक हाउस

लीची उत्पादक संघ के अध्यक्ष ने बताया कि लीची काे महानगरों तक सुरक्षित भेजने के लिए मुजफ्फरपुर जिले के बंदरा में किसान केशव नंदन के यहां पैक हाउस तैयार हाे रहा है। 19 मई काे एक्सपाेर्ट-इंपाेर्ट बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर द्वारा उद्घाटन हाेने के बाद यहां से महानगरों में लीची भेजी जाएगी। महानगरों में लीची भेजने के लिए सुपर प्लम के साथ ही स्विगी कंपनी ने दिलचस्पी दिखाई है। उधर, किसान केशव नंदन ने बताया कि मेरे बागान के 335 पेड़ में अच्छी लीची के बाद भी सात दिनाें की गर्मी के बाद आधे से अधिक फल झड़ गए हैं। इसके कारण व्यापारी अधपकी लीची ही ताेड़कर दिल्ली व मुंबई भेज रहे हैं।

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