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पटना7 मिनट पहले
सदन के बाहर प्रदर्शन करते विधायक।
बिहार विधानसभा में आज मुकेश सहनी की पार्टी से बीजेपी में गए विधायकों का मामला गरम रहा। भाजपा के विधायक मुकेश सहनी से इस्तीफा मांग रहे हैं। वहीं, आरजेडी के विधायक यह कह रहे हैं कि यह तो होना ही था। आज मुकेश सहनी हटे हैं, कल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हटेंगे। इधर, सदन के अंदर मुकेश सहनी खुद को मोबाइल में बिजी रख रहे हैं। उनके बगल में कई मंत्री बैठे हुए हैं। लेकिन, बातचीत नहीं हो रही है। रामसूरत राय और जीवेश मिश्रा पास में ही बैठे हैं। सिर्फ मंत्री सम्राट चौधरी से औपचारिक बातचीत हुई है।
भाजपा ने एक बार फिर मुकेश सहनी के नैतिकता के आधार पर इस्तीफे की मांग की है। भाजपा विधायक हरि भूषण ठाकुर बचौल ने कहा कि उनको नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए। भाजपा ने मुकेश साहनी के पूरे कामकाज पर सवाल उठाया है और कहा कि उनको बताना चाहिए कि उन्होंने आज तक मछुआरा समाज के लिए एक भी काम किया हो। वहीं, हरिभूषण ठाकुर बचोल ने कहा कि बेगूसराय में जनता दल यू के द्वारा केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के पुतला दहन को लेकर भाजपा विधायक ने कहा कि यह गलत हुआ है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने पुतला दहन किया है। उनकी बुद्धि पर तरस आता है ।
सीएम को लेना है फैसला
राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की यह नियत ही रही है कि छोटे दलों को तोड़ो और अपने में मिलाओ। मुकेश सहनी से भी कुछ गलतियां हुई है। उन गलतियों कों उनसे सबक लेना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि आगे उनको क्या करना है। अब यह सोचना ज्यादा जरूरी है। भारतीय जनता पार्टी की ओर से इस्तीफे की मांग पर राजद विधायन ने कहा कि यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है। यह फैसला तो मुख्यमंत्री को ही लेना है।
सहनी की कोई उपयोगिता नहीं
राजद विधायक मुकेश रौशन ने वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी के तीनों विधायक का बीजेपी मे विलय के बाद कहा कि यह लोग जोड़तोड़ की राजनीति करते हैं। पिछली बार मुकेश सहनी ने कहा था कि तेजस्वी यादव ने पीठ में खंजर घोपा था। अब क्या भाजपा वाले ने भाला घोपा तो अब दर्द नहीं हो रहा है। अब मुकेश सहनी की कोई उपयोगिता रही नहीं, उनका रिचार्ज खत्म हो गया। हमको तो लगता है अब नीतीश कुमार को भी पद से हटाने के लिए भाजपा के लोग लगे हुए हैं और अगला निशाना नीतीश कुमार ही है।
नीतीश कुमार से मिलने गए थे नित्यानद राय
इस मुलाकात पर मुकेश रौशन ने कहा कि उनको संदेश देने गए होंगे कि अब आपका टाइम भी पूरा हो चुका है। वो लोग अपनी तैयारी में होंगे। भाजपा के लोग जिस तरह से जोड़-तोड़ की राजनीति कर रहे हैं। हमको लगता है कहीं न कहीं भाजपा जो है, नीतीश कुमार की सियासत को खत्म करने में लगी हुई है।
ऑनलाइन जवाब नहीं पढ़ने पर पीए को बुलाया गया
इससे पहले विधानसभा की कार्यवाही के दौरान विधायक ऑनलाइन जवाब नहीं पढ़ सकें। इसके बाद अध्यक्ष ने विधायक के पीए को चैंबर में बुलाया था। माले विधायक महबूब आलम के गृह विभाग से पूछा था सवाल। लेकिन सरकार की ओर से जवाब को नहीं पढ़ा गया। उन्होंने यह भी कहा कि जवाब मंत्री जी पढ़ कर बता देतें तो अच्छा होता। इसके जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि विधायक के पीए को ट्रेनिंग दिया गया था। वह क्यों नहीं विधायक को जबाब बताते।
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