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- Fish Market Will Be Built From Panchayats Of Bihar To Divisional Headquarters; The Scheme Will Be Implemented After Approval From The Cabinet, Fish Farmers Will Get Market, Consumers Will Also Get Fresh Fish
पटना2 घंटे पहले
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मछली बाजार का मॉडल दिखाते पशु व मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी।
राज्य में पंचायत से लेकर प्रमंडल मुख्यालय तक मछली मार्केट बनेगा। इससे मछली पालकों को मछली का लाभकारी मूल्य मिलेगा, वहीं मछली खाने वालों को स्थानीय तालाब की ताजा मछली उचित कीमत पर मिलेगी। प्रथम चरण में सभी 9 प्रमंडल मुख्यालय स्तर पर मछली का होलसेल मार्केट होगा, जबकि बचे हुए शेष 29 जिला मुख्यालय में रिटेल मार्केट बनेगा। इसके बाद दूसरे फेज में 8300 पंचायत और 534 प्रखंड मुख्यालय में मछली मार्केट बनेगा। पशु व मत्स्य संसाधन विभाग ने मछली मार्केट की योजना का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। कैबिनेट से मंजूरी के बाद इसे लागू किया जाएगा। सरकार के सात निश्चय पार्ट 2 के तहत योजना को पूरा कराने का लक्ष्य रखा गया है।
पटना, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, गया, दरभंगा, मुंगेर सहित 9 प्रमंडलीय मुख्यालय में 2-2 करोड़ की लागत से होलसेल मार्केट बनेगा। इसमें मछली को रखने के लिए छोटा शीतगृह भी होगा। बर्फ और पानी की पर्याप्त सुविधा रहेगी। परिसर में पर्याप्त कमरा और अन्य आवश्यक सुविधा भी रहेगी। प्रखंड मुख्यालय से बचे शेष 29 जिलों में 95-95 लाख की लागत से रिटेल मार्केट होगा। इसमें मछुआरों को मछली बेचने के लिए आवंटन होगा। यहां भी पर्याप्त बर्फ, पानी और बिजली सहित अन्य सभी सुविधाएं रहेंगी। मछली का चोइटा (चोइया) सुखाने की भी सुविधा रहेगी, ताकि इसे भी बाहर भेज कर कमाई हो सके।
दूसरे फेज में प्रखंड मुख्यालय और पंचायत में बनेगा मार्केट
दूसरे फेज में प्रखंड मुख्यालय में 16-16 लाख की लागत से मछली बाजार बनेगा। इसमें मछली बेचने के लिए दो किनारे होंगे। जहां दो पंक्ति में मछली बेचने की सुविधा होगी। इसमें भी आवश्यक संसाधन की व्यवस्था रहेगी, ताकि मछली बेचने और खरीदने वालों को परेशानी नहीं हो। यहां भी मछली चाेइटा सुखाने और जमा करने की सुविधा रहेगी।
6.5 लाख की लागत से शेड और चबूतरा का निर्माण होगा
पंचायत स्तर पर मछली मार्केट शेड पर आधारित होगा। चबूतरा के साथ लगे शेड के नीचे मछुआरों को मछली बेचने की सुविधा होगी। मनरेगा की योजना से शेड का निर्माण कराया जाएगा। 8300 पंचायत में प्रत्येक में 6.5 लाख की लागत से शेड और चबूतरा का निर्माण होगा। विभाग का लक्ष्य है कि पहले मछली मार्केट का निर्माण कार्य पूरा कराया जाए।
अभी खपत और उत्पादन में 1.17 करोड़ का अंतर
2020-21 में मछली का उत्पादन 6.83लाख टन हुआ। यह 2019-20 की तुलना में 42 हजार टन अधिक है। राज्य में मछली की सालाना खपत 8 लाख टन है। यानी अभी भी खपत और उत्पादन में अंतर 1.17 लाख टन है। सालाना लगभग एक हजार करोड़ से अधिक की मछलियां दूसरे राज्यों में मंगाई जा रही है।
पंचायत से लेकर प्रमंडल तक मछली मार्केट बनाना है
- 2021-22 में 85 करोड़ की राशि का प्रावधान किया जा रहा है। मछली पालकों और मछुआरों को लाभ दिलाने के साथ ही उपभोक्ताओं को उचित कीमत पर मछली की उपलब्धता होगी। राज्य में मछली उत्पादन बढ़ाने में भी इससे मदद मिलेगी। हमारा लक्ष्य है कि बिहार मछली उत्पादन में आत्मनिर्भर ही नहीं बल्कि निर्यातक बने। – मुकेश सहनी, पशु व मत्स्य संसाधन मंत्री
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