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- Preparation For Amendment In Bihar Prohibition And Excise Act, Property Will Be Confiscated If Found Smuggling
पटनाएक घंटा पहले
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शराब की बिक्री संगठित अपराध की श्रेणी में आएगा।
राज्य में शराबबंदी कानून में दूसरी बार संशोधन का प्रस्ताव है। इसके तहत शराब की बिक्री संगठित अपराध की श्रेणी में आएगा और इसमें लगे लोगों की संपत्ति जब्त की जाएगी। ऐसा कोई भी पदार्थ जिसे शराब में बदला जा सके, उसे मादक द्रव्य घोषित करने का प्रावधान भी होगा। साथ ही शराब मामलों का ट्रायल एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट, डिप्टी कलेक्टर या इससे ऊपर रैंक के अधिकारी भी कर सकते हैं। संशोधन का उद्देश्य कोर्ट में लंबित मामले को कम करने के साथ शराब माफिया व तस्करों को जल्द से जल्द सजा दिलाना है।
अभी शराबबंदी कानून के उल्लंघन के 30-40% मामले पीने वालों के खिलाफ हैं। इससे शराब तस्करी से जुड़े बड़े मामलों की सुनवाई प्रभावित हो रही। संशोधन के बाद उन्हें जल्द सजा दिलाने में मदद मिलेगी। नए प्रावधान के अनुसार जिस जगह से शराब बरामद होगी, उसे अब एएसआई भी सील कर सकेंगे। अभी यह अधिकार एसआई और ऊपर के अधिकारियों को है। जब्त शराब को अगर किसी वजह से सुरक्षित ले जाना संभव नहीं है तो उसे बरामदगी वाली जगह पर ही डीएम के आदेश से नष्ट किया जा सकेगा।
सारण में जहरीली शराब से 6 की मौत, 3 की रोशनी गई
मृतकों के परिजनों ने कहा- शराब पीकर घर आए और खून की उल्टी कर मर गए
अमनौर | सारण के अमनौर और मकेर थाना क्षेत्रों में जहरीली शराब पीने से अब तक छह लोगों की जान चली गई है। वहीं तीन लोगों की आंख की रोशनी जाने की बात सामने आयी है। इस बात का खुलासा दो मरने वालों के परिजनों और एक अस्पताल में भर्ती व्यक्ति ने किया है। मकेर में दो लोगों की मौत मंगलवार को हुई थी। बुधवार को अमनौर में दो और मकेर में दो ने दम तोड़ा।
इसमें अमनौर के मरने वाले दोनों के परिजनों ने कहा है कि वे शराब पीकर घर आये थे, अचानक खून की उल्टी होने लगी और अस्पताल ले जाते दम तोड़ दिये। मामले की जांच कर रहे मढ़ौरा डीएसपी इन्द्रजीत बैठा ने कहा कि मामला जहरीली शराब पीने से जुड़ा प्रतीत हो रहा है। जांच अभी जारी है। मरने वालों में अमनौर के राम नाथ राय, कृष्णा महतो, ईशा मिया और मकेर के भरत राय, बृजबिहारी राय, अनिल मिस्त्री शामिल हैं।
हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी-कैसे मिल रही शराब, कहीं पुलिस और शराब माफिया की मिलीभगत तो नहीं?
पटना | सूबे में शराबबंदी के बावजूद इससे जुड़े मामलों की बढ़ती संख्या और हर दिन शराब पकड़ी जाने को लेकर बुधवार को पटना हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई। कहा-कोर्ट यह क्यों नहीं माने कि शराब के अवैध व्यापार का नेटवर्क चलाने वाले बड़े माफिया का पुलिस के साथ साठगांठ है? कोर्ट ने गंगाराम की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की।
कोर्ट ने आईजी (प्रॉसिक्यूशन), आईजी (प्रोहिबिशन) के साथ ही ईडी से भी जवाब मांगा है। यह भी पूछा है कि अब तक कितने बड़े आपूर्तिकर्ता या माफिया को पकड़ा है। यदि पकड़ा है तो अभियोजन की क्या स्थिति है? मामले की अगली सुनवाई एक हफ्ते बाद फिर होगी।
बरामदगी वाली जगह पर जिलाधिकारी के निर्णय से ही शराब नष्ट की जाएगी
संशोधन के प्रावधान के अनुसार जब्त की गई शराब अगर किसी वजह से सुरक्षित ले जाना संभव नहीं है तो उसे बरामदगी वाली जगर पर ही जिलाधिकारी के निर्णय से नष्ट किया जा सकेगा। डीएम अधिकारी की तैनाती करेंगे।
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