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पटना18 मिनट पहले
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जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार।
बिहार की शराबबंदी एक बार फिर सुर्खियों में है। कभी शराबबंदी के सफल-असफल होने पर सवाल उठता है, तो कभी जहरीली शराब पीने से मरनेवालों को लेकर उठता है। अब जहरीली शराब पीकर मरनेवालों के परिजनों को मुआवजा देने पर सवाल उठ रहा है।
भाजपा मुआवजा देने की प्रक्रिया को जटिल बता रही है। वहीं जदयू इसे बेहतर बताते हुए भाजपा शासित राज्यों में भी लागू करने की मांग कर रही है।
जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने भारतीय जनता पार्टी से सीधा सवाल किया है कि क्या यह सही है कि प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की शराबबंदी नीति की तारीफ नहीं की थी? क्या शराबबंदी कानून पर भारतीय जनता पार्टी के नेता नरेंद्र मोदी को ही अंगूठा दिखा रहे हैं?
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के लोग जब सत्ता में थे, तब कितनी घटना होने पर वह घटनास्थल पर गए, यह बताएं। गुजरात में जहरीली शराब से मौत पर क्यों नहीं मुआवजा दिया गया? भारतीय जनता पार्टी के लोग अपने प्रदेश में शराब पीला कर राष्ट्र निर्माण कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को 1000 बार जन्म लेना होगा नीतीश कुमार की बराबरी करने में।
यूपी सीएम योगी पर भी किया हमला
नीरज कुमार ने यूपी सीएम योगी पर हमला करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में शराब से मौत हुई, सरकार ने क्या किया यह बताएं। कितने हिंदू हैं जो शराब पीकर मरे, उन्हें मुआवजा दिया गया? मुसलमानों की बात छोड़ दीजिए, क्योंकि आप हिंदुओं के ठेकेदार बने हुए हैं। जितने भी भाजपा शासित राज्यों में जहरीली शराब से लोग मरे हैं, उन्हें मुआवजा दें।
नरेंद्र मोदी का प्रभाव घट रहा है…
नीरज कुमार ने कहा कि सुशील मोदी यह घोषणा करें कि उनके राज्य में जिन हिंदुओं की मौत जहरीली शराब से हुई है, उनके लोगों को मुआवजा देंगे। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप को आशीर्वाद दिया था कि आप फिर से सरकार में आएंगे, वह जेल चले गए। आप भारतीय जनता पार्टी में यह लोग सोच रहे हैं कि इनका प्रभाव घट रहा है। क्योंकि जिनको आशीर्वाद दे रहे हैं, वह जेल जा रहे हैं। अब 2024 में जिनका मामला है, वह जानें।
नीरज के आरोपों पर भाजपा प्रवक्ता मनोज शर्मा ने जवाब दिया है।
भाजपा का जवाब- मुआवजा देने पर पेंच लगा दिया गया
जदयू के इस सवाल पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता मनोज शर्मा ने कहा कि बिहार सरकार किसे बेवकूफ बना रही है? नीतीश सरकार ने बिहार की जनता को मूर्ख समझ रखा है क्या? एक तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की हठधर्मिता के कारण बिहार के मासूम लोगों की जान जा रही है। पहले तो जहरीली शराब की वजह से हजारों परिवार बर्बाद हो गए। भारतीय जनता पार्टी की मांग पर मुआवजा देने का एलान भी किया गया तो कई तरह के पेंच लगा दिए गए। ताकि पीड़ित परिवार तक मुआवजा की राशि पहुंचे ही नहीं।
उन्होंने कहा कि सीधा सवाल मुख्यमंत्री से है। सरकार ने शर्त रखा है कि शराब कहां से ली? शराब बेचने वाले का नाम और पता बताना होगा, सभी सवालों का जवाब परिजनों को बताना होगा। मुख्यमंत्री ये बताएं कि जो व्यक्ति शराब पीने जाता है तो क्या वो घर मे बताकर जाता है? क्या वो कहकर जाएगा कि वो जहां जा रहा है, वहां जहरीली शराब मिलती है। परिजनों से ये सवाल पूछना पूरी तरह बेतुका है और बेवजह है। इससे मंशा साफ होती है कि सरकार मुवावजा देने नहीं जा रही है।
मनोज शर्मा ने कहा कि यदि परिजनों को ये पता भी हो कि उसके परिवार ने कहां शराब पी है और वो प्रशासन को बता भी देगा तो पीड़ित परिवार की सुरक्षा की गारंटी कौन लेगा? क्योंकि शराब माफिया तो दबंग और बाहुबली होते हैं। पीड़ित परिवार की जान पर आफत आ जाएगी। इस शर्त में तो सरकार माफियाओं को शह भी दे रही है कि यदि जहरीली शराब से कोई मरे तो पीड़ित परिवार को सरकार से ज्यादा राशि देकर मुंह बंद करा दे।
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