Home Bihar शहीद की मां के रास्ते में बिछा दी हथेलियां, VIDEO: गलवान मुठभेड़ में शहीद हुआ था वैशाली का जवान; प्रतिमा से लिपटकर रो पड़ी मां

शहीद की मां के रास्ते में बिछा दी हथेलियां, VIDEO: गलवान मुठभेड़ में शहीद हुआ था वैशाली का जवान; प्रतिमा से लिपटकर रो पड़ी मां

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शहीद की मां के रास्ते में बिछा दी हथेलियां, VIDEO: गलवान मुठभेड़ में शहीद हुआ था वैशाली का जवान; प्रतिमा से लिपटकर रो पड़ी मां

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वैशाली13 मिनट पहले

देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। ऐसे में सबसे पहले सम्मान का हक उन्हें है जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राण की आहुति दी है। वैशाली में एक शहीद जवान की मां के सम्मान में युवकों ने अपनी हथेलियां बिछा दीं। हथेलियों पर चलकर जवान की मां बेटे की प्रतिमा तक पहुंची। पहले आरती उतारी और फिर प्रतिमा से ही लिपट कर रो पड़ी।

अपने शहीद बेटी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने पहुंची मां।

अपने शहीद बेटी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने पहुंची मां।

ये तस्वीरें वैशाली जिले के चकफतेह गांव का है। दरअसल गलवान घाटी में दो साल पूर्व चीनी सेना से मुठभेड़ जयकिशोर सिंह शहीद हो गए थे। दो साल बाद उनकी मां मंजू देवी अपने बेटे की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने पहुंची थी। उनको आते देख युवा इकट्‌ठा हो गए। औन जमीन पर अपनी हथेली बिछा दी।

इसके बाद शहीद की मां से हथेली पर चलने का आग्रह किया। वीर शहीद की मां युवाओं के आग्रह को टाल न सकी और उनके हथेली पर चलते हुए स्मारक तक पहुंची। इधर, गांव के युवाओं का जज्बा देख तालियों की गरगराहट से पूरा माहौल देशभक्ति के ओतप्रोत हो गया।

युवाओं ने शहीद की मां से हथेली पर चलने का आग्रह किया।

युवाओं ने शहीद की मां से हथेली पर चलने का आग्रह किया।

ऐसा सम्मान पाकर शहीद जय किशोर सिंह की मां को बेहद गर्व की अनुभूति हुई और अपने शहीद पुत्र के स्मारक पर पुष्पाजंलि अर्पित करते हुए फफक-फफक कर रोने लगी। दरअसल, अमृत महोत्सव के मद्देनजर हर घर तिरंगा अभियान को लेकर कई गांव के युवा शहीद के घर तिरंगा देने आये थे।

अमर शहीद की मां मंजू देवी ने कहा कि आज लगा कि मेरे बेटे की शहादत बेकार नहीं गई।

अमर शहीद की मां मंजू देवी ने कहा कि आज लगा कि मेरे बेटे की शहादत बेकार नहीं गई।

इस दौरान देश भक्ति गाना भी बजता रहा। बेहद भावुक इस पल को देख रहे स्थानीय लोगों की आंखें भी नम हो गई। वहीं अमर शहीद की मां मंजू देवी ने कहा कि आज लगा कि मेरे बेटे की शहादत बेकार नहीं गयी है। मुझे लोगों ने अपने हथेली पर पैर रखकर चलाते हुए अपने पुत्र के प्रतिमा के पास पहुंचाया। वहीं स्थानीय अंकित कुमार ने कहा कि एक मां अपने गर्भ में बच्चे को पालती है और देश की सेवा के लिए बॉर्डर पर भेज देती है। ऐसी मां को सम्मान देना हम सभी का फर्ज है।

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