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नई दिल्लीः दिवाली के बाद शुरू हो रहे शादियों के सीजन में सोने (Gold Prices) की कीमतों में एक बार फिर से इजाफा होने की उम्मीद है. इस साल के अंत तक सोने की कीमत 67 हजार तक पहुंच सकती है. रिसर्च फर्म मोतीलाल ओसवाल (Motilal Oswal) फाइनेंशियल सर्विसेज ने अपनी एक रिपोर्ट में इस तरह का आकलन किया है.
सोने ने दिया बहुत अच्छा रिटर्न
रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय बैंकों की ब्याज सस्ता रखने की पॉलिसी और भारत में परम्परागत खरीद के मौसम के मद्देनजर साल के अंत तक सोने की कीमतों में एक बार फिर से उछाल देखने को मिलेगा. सोने में निवेश करने से लोगों को शेयर बाजार से ज्यादा अच्छा रिटर्न मिला है. फर्म के मुताबिक पिछले एक दशक में भारत में सोने ने 159 प्रतिशत का रिटर्न दिया है, जबकि घरेलू शेयर सूचकांक निफ्टी ने इस दौरान 93 प्रतिशत का रिटर्न दिया.
रिपोर्ट में अनुमान है कि अमेरिकी चुनाव के बाद आने वाले कुछ महीने सोने की कीमत को तय करने के लिए महत्वपूर्ण होंगे और इस दौरान केंद्रीय बैंकों का रुख, कम ब्याज दर, कोविड-19 (Covid 19) महामारी का प्रभाव और अन्य चिंताएं कीमतों को प्रभावित कर सकती हैं, हालांकि सर्राफा के लिए संभावनाएं अच्छी हैं.
एक साल में घटी डिमांड
पहली तीन तिमाहियों में भारत की सोने की मांग एक साल पहले की तुलना में 49% घटकर 252.4 टन रह गई, क्योंकि कोरोनवायरस के कारण लगने वाले लॉकडाउन ने आभूषणों की मांग को प्रभावित किया है. बाजार में सिक्कों और बार की मांग, जिसे निवेश की मांग के रूप में जाना जाता है, तीसरी तिमाही में 51% उछल गया, क्योंकि बढ़ती कीमतों ने निवेशकों को आकर्षित किया, जिसने उच्च भाव को बनाए रखा. इस साल सोना सबसे ऊंचे स्तर तक गया है.
नीचे आए भाव
यह पीली धातु विदेशों में 2085 डालर प्रति औंस और भारत में जिंस एक्सचेंज में 56,400 रुपये प्रति दस ग्राम तक पहुंच गयी लेकिन वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भाव नीचे आ गये हैं.
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