Home Bihar शिक्षक नियोजन में गजब की लापरवाही: काउंसिलिंग सेंटर पर पहले 10 सीट पर शून्य अभ्यर्थी दिखाए गए, हंगामा हुआ तो फिर लिस्ट में कैसे दर्ज हो गए 605 अभ्यर्थी

शिक्षक नियोजन में गजब की लापरवाही: काउंसिलिंग सेंटर पर पहले 10 सीट पर शून्य अभ्यर्थी दिखाए गए, हंगामा हुआ तो फिर लिस्ट में कैसे दर्ज हो गए 605 अभ्यर्थी

0
शिक्षक नियोजन में गजब की लापरवाही: काउंसिलिंग सेंटर पर पहले 10 सीट पर शून्य अभ्यर्थी दिखाए गए, हंगामा हुआ तो फिर लिस्ट में कैसे दर्ज हो गए 605 अभ्यर्थी

[ad_1]

  • Hindi News
  • Local
  • Bihar
  • Bihar Shikshak Niyojan Counseling; Candidates Ruckus At Patna High School Center

पटना8 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

बिहार में शिक्षक नियोजन के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया चल रही है। इसको लेकर कितनी सावधानी बरती जा रही है वह गर्दनीबाग स्थित पटना हाई स्कूल स्थित नियोजन सेंटर पर दिखा। यहां पहले 10 रिक्ति दिखाई गई और अभ्यर्थी शून्य। अभ्यर्थियों के हंगामे के बाद लिस्ट में सुधार करके 605 अभ्यर्थियों की जगह बनाई गई। हद तो यह है कि पटना सचिवालय से महज डेढ़ किलोमीटर दूर पर स्थित पटना हाई स्कूल गर्दनीबाग सेंटर पर यह गड़बड़ी देखने को मिली।

रिक्ति 10 और अभ्यर्थी शून्य
गर्दनीबाग के शहीद राजेंद्र प्रसाद सिंह राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सेंटर पर वर्ग 6 से 8 के लिए जो लिस्ट सेंटर पर चिपकायी गई। उसमें फतुहा में हिंदी विषय में 10 रिक्ति दिखाई गई और अभ्यर्थी शून्य दिखाए गए। इसी तरह फतुहा में संस्कृत विषय में पांच रिक्ति दिखाई गई और अभ्यर्थी शून्य दिखाए गए। फतुहा में ही उर्दू विषय में एक रिक्ति दिखाई गई और अभ्यर्थी शून्य दिखाए गए। फतुहा से आए हिंदी के अभ्यर्थी को लौट जाने के लिए कहा गया। क्योंकि, इसमें बताया गया कि आवेदन ही नहीं गिरा है।

पुरानी लिस्ट में किया गया संशोधन

अभ्यर्थियों ने हंगामा शुरू कर दिया। वे इस बात पर अड़ गए कि उन्होंने फॉर्म गिराया है और उनके पास आवेदन गिराने का प्रमाण स्वरूप रसीद भी है। इसके बाद इसकी खोजबीन शुरू हुई और लिस्ट को सुधारा गया। घंटे भर बाद पुरानी लिस्ट में संशोधन किया गया। अब फतुहा की नई सूची में हिंदी विषय में 10 सीट पर 605 अभ्यर्थी बताए गए। संस्कृत में 5 सीट पर 127 अभ्यर्थी बताए गए और उर्दू में एक सीट पर 5 अभ्यर्थी बताए गए। शिक्षक नियोजन में इस तरह की लापरवाही से कई अभ्यर्थियों को परेशानी झेलनी पड़ी।

खबरें और भी हैं…

[ad_2]

Source link