Home Bihar शोध को बढ़ावा देने की पहल: 4 वर्ष का ग्रेजुएशन कोर्स करने वाले छात्र अब सीधे कर सकेंगे पीएचडी, पारंपरिक पैटर्न बदला

शोध को बढ़ावा देने की पहल: 4 वर्ष का ग्रेजुएशन कोर्स करने वाले छात्र अब सीधे कर सकेंगे पीएचडी, पारंपरिक पैटर्न बदला

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शोध को बढ़ावा देने की पहल: 4 वर्ष का ग्रेजुएशन कोर्स करने वाले छात्र अब सीधे कर सकेंगे पीएचडी, पारंपरिक पैटर्न बदला

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पटना10 मिनट पहले

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फाइल फोटो। - Dainik Bhaskar

फाइल फोटो।

शोध कार्य में रुचि रखने वाले छात्रों के लिए अच्छी खबर है। अब वे स्नातक के बाद सीधे पीएचडी कर सकेंगे। नई शिक्षा नीति के तहत जो छात्र चार वर्षीय स्नातक कोर्स करेंगे उनके लिए यह प्रावधान किया गया है। अभी मास्टर्स डिग्री के बाद ही पीएचडी करने का नियम है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शोध को ज्यादा महत्व दिया गया है। इसमें रुचि रखने वाले छात्रों को पीजी से पहले पीएचडी करने का अवसर दिया गया है। यही वजह है कि नई शिक्षा नीति में उच्च शिक्षा के पारंपरिक पैटर्न में कई बदलाव किए गए हैं। यूजीसी की वेबसाइट पर नेशनल हायर एजुकेशन फ्रेमवर्क जारी किया गया है।

उसके अंतर्गत उच्च शिक्षा में किए गए नए प्रावधानों की जानकारी दी गई है। सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को इसके अनुरूप प्रावधानों को उसे लागू करने को भी कहा है। इस संबंध में राजभवन ने भी राज्य के सभी विवि काे इसी सत्र से नई शिक्षा नीति के तहत 4 वर्षीय स्नातक काेर्स काे शुरू करने का निर्देश दिया है। यूजीसी ने फ्रेमवर्क तैयार किया : यूजीसी ने नई शिक्षा नीति के तहत नेशनल हायर एजुकेशन क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क तैयार कर जारी किया है। ताकि जो संस्थान नई शिक्षा नीति को लागू करना चाहते हैं, उन्हें स्पष्ट हो कि करना क्या है। जो विभिन्न स्नातक, स्नातकोत्तर, सर्टिफिकेट कोर्स लागू करने हैं, उनको लेकर कोई कंफ्यूजन न रहे।

इंटर के बाद… 5 साल का बैचलर-मास्टर्स प्रोग्राम

नई शिक्षा नीति के प्रावधानों में सिर्फ चार वर्षीय बैचलर्स कोर्स ही नहीं है, बल्कि पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड बैचलर्स-मास्टर प्रोग्राम भी है। इंटर के बाद सीधे इसी में दाखिला लेकर यूजी-पीजी दोनों की डिग्री पा सकते हैं। इसके अतिरिक्त तीन वर्ष के स्नातक करने वाले छात्रों के लिए दो वर्ष का पीजी कोर्स और चार वर्षीय स्नातक करने वाले छात्रों के लिए एक वर्ष का पीजी कोर्स भी है।

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