संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन: भारत के खिलाफ सीरीज में इस गेंदबाज का एक्शन आया सवालों के घेरे में, ICC करेगी जांच
भारत के खिलाफ हाल ही में हुई सीरीज के दौरान एक गेंदबाज का गेंदबाजी एक्शन संदिग्ध पाया गया है। यह मामला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के नियमों के तहत उठाया गया है, और अब जांच की प्रक्रिया शुरू होगी। इस तरह के मामलों में, गेंदबाज के एक्शन को जांच के लिए ICC की मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में भेजा जाता है।
संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन: पूरी जानकारी
भारत के खिलाफ हाल ही में समाप्त हुई सीरीज में एक गेंदबाज का गेंदबाजी एक्शन संदिग्ध पाया गया है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और जांच प्रक्रिया शुरू कर दी है। संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन क्रिकेट के नियमों का उल्लंघन है और इससे गेंदबाज को अपने करियर में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन क्या है?
ICC के नियमों के अनुसार, गेंदबाजी के दौरान गेंदबाज की कोहनी का झुकाव (elbow flexion) 15 डिग्री से अधिक नहीं होना चाहिए। यदि:
- कोहनी 15 डिग्री से अधिक झुकती है।
- गेंद फेंकने का एक्शन “थ्रो” जैसा दिखता है।
तो गेंदबाजी एक्शन संदिग्ध माना जाता है।
15 डिग्री का नियम क्यों?
- मानव शरीर की संरचना के कारण, कोहनी का हल्का झुकाव स्वाभाविक है।
- 15 डिग्री को स्वीकार्य सीमा माना गया है क्योंकि इससे गेंदबाजी और थ्रो करने के बीच का अंतर स्पष्ट होता है।
जांच प्रक्रिया: कैसे होती है एक्शन की जांच?
- रिपोर्ट तैयार करना:
- संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन को ऑन-फील्ड अंपायर और मैच रेफरी रिपोर्ट करते हैं।
- यह तब होता है जब गेंदबाजी एक्शन सामान्य से अलग और नियमों के अनुसार अवैध दिखता है।
- जांच के लिए बुलावा:
- रिपोर्ट के बाद, गेंदबाज को 14 दिनों के भीतर ICC द्वारा मान्यता प्राप्त बायोमैकेनिक्स लैब में परीक्षण के लिए उपस्थित होना पड़ता है।
- लैब में गेंदबाज का एक्शन अलग-अलग कोणों और गति में रिकॉर्ड किया जाता है।
- बायोमैकेनिकल परीक्षण:
- हाई-स्पीड कैमरों और मोशन ट्रैकिंग सॉफ्टवेयर का उपयोग करके गेंदबाजी एक्शन का सटीक विश्लेषण किया जाता है।
- कोहनी के झुकाव का मापन किया जाता है।
- रिपोर्ट:
- जांच के आधार पर यह तय किया जाता है कि गेंदबाजी एक्शन वैध (Legal) है या अवैध (Illegal)।
क्या होता है अगर एक्शन अवैध पाया जाए?
- प्रतिबंध:
- गेंदबाज को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में गेंदबाजी करने से रोक दिया जाता है।
- सुधार:
- गेंदबाज को अपना एक्शन सुधारने के लिए गेंदबाजी कोच और विशेषज्ञों के साथ काम करना होता है।
- एक्शन सुधारने के बाद, गेंदबाज को पुनः परीक्षण के लिए लैब में बुलाया जाता है।
- फिर से स्वीकृति:
- यदि सुधार सफल होता है और नया एक्शन नियमों के अनुरूप होता है, तो गेंदबाज फिर से गेंदबाजी कर सकता है।
पिछले उदाहरण: बड़े खिलाड़ियों का सामना
कई बड़े गेंदबाज अपने करियर में संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन के मामलों का सामना कर चुके हैं:
- मुथैया मुरलीधरन (श्रीलंका):
- उनके एक्शन को संदिग्ध बताया गया था, लेकिन जांच के बाद वे निर्दोष साबित हुए।
- सईद अजमल (पाकिस्तान):
- उनका एक्शन अवैध पाया गया था। उन्होंने अपने एक्शन में सुधार करके वापसी की।
- सुनील नारायण (वेस्टइंडीज):
- संदिग्ध एक्शन के कारण कई बार गेंदबाजी से रोके गए। IPL में भी उन्हें कुछ मैचों से बाहर किया गया था।
- जोहन बोथा (दक्षिण अफ्रीका):
- उनके ऑफ-स्पिन गेंदबाजी एक्शन को संदिग्ध पाया गया।
टीम और खिलाड़ी पर प्रभाव
- खिलाड़ी के लिए:
- गेंदबाज को मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है।
- सुधार प्रक्रिया लंबी हो सकती है, जिससे करियर प्रभावित हो सकता है।
- टीम के लिए:
- प्रमुख गेंदबाज के बाहर होने से टीम की रणनीति पर असर पड़ता है।
- विशेषकर सीरीज के दौरान, विकल्प तैयार करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
ICC की भूमिका और सख्ती
ICC ने संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन पर सख्ती दिखाई है ताकि खेल की निष्पक्षता बनी रहे। 15 डिग्री नियम को लागू करने का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी गेंदबाज गेंद को “थ्रो” न करे, जो बल्लेबाजों के लिए अनुचित होगा।
भारत के खिलाफ संदिग्ध एक्शन का मामला: अब आगे क्या?
- गेंदबाज की जांच 14 दिनों के भीतर होगी।
- यदि एक्शन अवैध पाया जाता है, तो उन्हें तुरंत प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।
- सुधार प्रक्रिया के बाद गेंदबाज पुनः वापसी कर सकता है।