Home Bihar समस्तीपुर में पानी के लिए मचा हाहाकार: सड़क पर दिखा लोगों का आक्रोश, वार्ड 17 और 18 के लोग दूसरी पंचायत से जल लाने को मजबूर

समस्तीपुर में पानी के लिए मचा हाहाकार: सड़क पर दिखा लोगों का आक्रोश, वार्ड 17 और 18 के लोग दूसरी पंचायत से जल लाने को मजबूर

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समस्तीपुर में पानी के लिए मचा हाहाकार: सड़क पर दिखा लोगों का आक्रोश, वार्ड 17 और 18 के लोग दूसरी पंचायत से जल लाने को मजबूर

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समस्तीपुर32 मिनट पहले

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पानी के लिए लाइन में खड़े लोग।

खानपुर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत श्रीपुर गाहर पूर्वी पंचायत के वार्ड संख्या 17 और 18 में बिहार सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत नल पांच बिछाया गया है। जलमीनार में पानी सप्लाई बंद होने से लोगों में हाहाकार मच चुका है। लोग सड़क पर उतर चुके हैं और चिलचिलाती धूप में खड़े होकर आक्रोश जता रहे।

लोगों को घर से करीब एक से डेढ़ किलोमीटर दूरी तय कर दूसरी पंचायत से पानी लाने के लिए जाना पड़ता है। लोग गांव के ही निजी मोटर से पानी लेने के लिए लंबी कतार में खड़े होकर अपनी अपनी बारी का इंतजार करते रहते हैं। पानी के लिए कतार में खड़े लोगों ने बताया कि मुख्यमंत्री स्वच्छ पेयजल योजना अंतर्गत गाहर चौक पर नलकूप स्थापित की गई थी। जिससे सभी घरों को निर्बाध स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो सके। लेकिन यह नलकूप करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद भी पूर्ण रूप से फ्लॉप साबित हो रहा है।

आधी अधूरी योजना के कारण जहां एक ओर अधिकतर घरों तक नल का पाइप नहीं पहुंच सका है। तो कहीं पाइप में नल तक नहीं लगाया गया है। लोगों ने बताया कि जहां पाइप है वहां तक पानी नहीं पहुंच रहा है। इसके कारण लोग इस भीषण गर्मी और चिलचिलाती धूप में पानी के प्यासे लोग सरकार की योजनाओं पर सवाल खड़े कर रहें है। पानी के लिए खड़ी करीब 80 वर्षीय वृद्ध रेशमा देवी ने बताया कि जब से नल जल का पाइप लगा है तबसे आज तक पानी नहीं पहुंचा है।

गांव में लोगों की लाइन।

गांव में लोगों की लाइन।

ग्रामीण सत्यनारायण राय ने बताया कि मवेशी को सही से पानी नहीं दे पा रहे। घरेलू नित्य कार्य सहित स्नान करना तो दूर की बात है, हम लोगों को पीने तक पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। सभी पंप सूख चुके हैं। मोटर पानी नहीं खींच पा रहा है। किसी प्रकार दूसरी पंचायत से पानी ढोकर लाते हैं।

इधर वार्ड 17 और 18 के लोगों ने कहा कि अगर 24 घंटे के अंदर नल जल योजना का लाभ नहीं मिला तो मुख्य सड़क को जाम कर मुख्यमंत्री के लूट खसोट योजनाओं के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा। इसकी जवाबदेही स्थानीय जनप्रतिनिधि और प्रखंड प्रशासन का होगा। इस मामले को लेकर जब प्रखंड विकास पदाधिकारी से फोन पर संपर्क किया गया तो उन्होंने जांच का आश्वासन दिया है।

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