Home Bihar सामान्यत: दो साल तक रखा जाता है: निबंधन कार्यालयों में बेकार पड़ी 1.25 लाख डीड नष्ट की जाएगी, पटना में ऐसे 12 हजार

सामान्यत: दो साल तक रखा जाता है: निबंधन कार्यालयों में बेकार पड़ी 1.25 लाख डीड नष्ट की जाएगी, पटना में ऐसे 12 हजार

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सामान्यत: दो साल तक रखा जाता है: निबंधन कार्यालयों में बेकार पड़ी 1.25 लाख डीड नष्ट की जाएगी, पटना में ऐसे 12 हजार

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पटनाएक घंटा पहले

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कुल बेकार पड़ी डीड का 85 फीसदी कटिहार जिले में - Dainik Bhaskar

कुल बेकार पड़ी डीड का 85 फीसदी कटिहार जिले में

राज्य के निबंधन कार्यालयों में बेकार पड़े जमीन, मकान, फ्लैट व दूसरे तरह के एग्रीमेंट से जुड़े 1.25 लाख से अधिक ऑरिजनल रजिस्टर्ड डीड (दस्तावेज) को नष्ट करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सालों से पड़े इस डीड को कोई लेने वाला कोई नहीं है। सालों से यह डीड यूं ही बेकार पड़ा हुआ और निबंधन कार्यालय में स्थान घेरे हुए है।

निबंधन विभाग ने समाचार माध्यमों में विज्ञापन देकर ऐसे डीड को ले जाने के लिए लोगों से आग्रह किया। लेकिन इसकी निर्धारित मियाद 15 जनवरी को समाप्त हो गई। लेकिन डीड लेने वालों की संख्या लगभग नहीं के बराबर थी। अगर जिला के हिसाब से डीड की संख्या को देखें तो सर्वाधिक डीड कटिहार जिला में है, जबकि दूसरे स्थान पर पटना है।

कुल बेकार पड़ी डीड का 85 फीसदी कटिहार जिले में

निबंधन विभाग के अनुसार राज्य में कटिहार जिले के निबंधन कार्यालयों में सर्वाधिक 97318 दस्तावेज पड़े हुए हैं। जो राज्य के कुल बेकार पड़े डीड का 85 फीसदी से अधिक है। जबकि दूसरे स्थान पर पटना है। पटना में इस तरह के डीड की संख्या 12 हजार करीब है। जबकि मुजफ्फरपुर में 2435, बेगूसराय में 467, सीतामढ़ी में 583, वैशाली में 360, जहानाबाद में 147, शेखपुरा में 194 और पूर्णिया में 164 दस्तावेज बेकार पड़े हैं। इन सभी डीड काे धीरे-धीरे नष्ट किया जा रहा है।

कटिहार में दो साल से नहीं की गई नष्ट

राज्य के कई जिलों में निबंधन कार्यालयों में नियमित रूप से हर दो साल बाद डीड को नष्ट कर दिया जाता है। लेकिन कटिहार में 1990 से लेकर 2019 तक डीड को नष्ट नहीं किया गया। जिस कारण से कटिहार में डीड की संख्या अधिक है। जबकि अन्य जिलों में 2019 तक के डीड नष्ट किए जा चुके हैं।

निबंधन विभाग के डीड नष्ट करना एक सामान्य प्रक्रिया

निबंधन विभाग के अधिकारियों के अनुसार निबंधन कार्यालयों में निबंधित होने वाले दस्तावेज पांच दिन के अंदर अधिकृत व्यक्ति दे दिया जाता है।किसी कारण कोई डीड नहीं ले जाते हैं तो उसे सामान्य तय दो साल तक सुरक्षित रखा जाता है। इसके बाद भी अगर कोई व्यक्ति अपने मूल दस्तावेज नहीं ले जाता है तो उसको नष्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है। हालांकि सभी दस्तावेज ऑनलाइन होने की वजह से आवेदक भविष्य में इनकी सर्टिफाइड कॉपी निबंधन कार्यालयों से प्राप्त कर सकते हैं।

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