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पटना16 मिनट पहले
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बिहार की सरहद से 55 KM दूर यूपी के देवरिया में कोरोना का खतरनाक डेल्टा प्लस वैरिएंट मिला है। संक्रमित की मौत के बाद नए स्ट्रेन की जानकारी हुई है। जानकारी यह भी मिली है कि इलाज के दौरान संक्रमित गोरखपुर से बिहार आने वाली ट्रेनों में सफर किया था।
एक तरफ बिहार बॉर्डर और दूसरी तरफ ट्रेन का बिहार कनेक्शन राज्य में भी खतरे की घंटी है। ऐसे में यूपी बॉर्डर पर मिलने वाले संक्रमितों की जीन सिक्वेंसिंग से ही वायरस के नए स्ट्रेन का पता चल पाएगा।
बिहार में जिलों को नहीं है जीन सिक्वेंसिंग का आदेश
बिहार में जिलों में मिलने वाले संक्रमितों के सैंपल की जीन सिक्वेंसिंग कराने को लेकर कोई आदेश नहीं है। पटना की सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी का कहना है कि जीनोम सिक्वेंसिंग को लेकर कोई आदेश नहीं मिला है। आदेश मिलेगा तो सैंपल जांच के लिए भेजा जाएगा। पटना ही नहीं, बिहार के किसी भी जिले में जीन सिक्वेंसिंग को लेकर कोई आदेश नहीं दिया गया है।
मेडिकल कॉलेज और बड़े संस्थानों से ही जीन सिक्वेंसिंग के लिए सैंपल भेजा जा रहा है। जिलों से सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए नहीं भेजना कोरोना के नए स्ट्रेन के आने का कारण बन सकता है।
बॉर्डर से 55 KM दूर संक्रमित की मौत
बिहार में गोरखपुर से लोगों का आना-जाना अधिक होता है। गोरखपुर में दो मरीजों में नया वैरिएंट मिला है। देवरिया के रहने वाले संक्रमित की मौत हो गई है। BRD मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में उसका इलाज चल रहा था। इलाज के दौरान वह बिहार को गोरखपुर से कनेक्ट करने वाली ट्रेनों से सफर किया था।
66 साल का संक्रमित 17 मई को पॉजिटिव हुआ था। BRD मेडिकल कॉलेज में भर्ती था। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मौत से पहले माइक्रोबॉयोलॉजी की टीम ने सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा था। गोरखपुर में BRD मेडिकल कॉलेज की एक मेडिकल स्टूडेंट्स में भी डेल्टा प्लस पाया गया है।
जिस शहर से बिहार का कनेक्शन, वहां मिला कोरोना का कप्पा वैरिएंट
गोरखपुर का बिहार से कनेक्शन है। यहां से लोगों का आना-जाना अधिक है। व्यापारिक गतिविधियों के साथ सामान्य लोगों का भी आना-जाना अधिक होता है। ऐसे में गोरखपुर में कोरोना के नए वैरिएंट डेल्टा प्लस के दो मामले मिलने के साथ एक और यूपी का पहला कप्पा वैरिएंट (कोरोना का नया वैरिएंट) भी मिला है। BRD मेडिकल कॉलेज के डॉ अमरेश सिंह ने इसकी पुष्टि की है।
गोरखपुर में कप्पा वैरिएंट मिला है। यह यूपी का पहला मामला है। अगर बिहार में इन मामलों को लेकर अलर्ट नहीं किया गया तो यहां भी संक्रमण का मामला बढ़ सकता है। पटना AIIMS के डॉक्टर पहले भी इसे लेकर अलर्ट कर चुके हैं और सरकार से नए वैरिएंट को रोकने के लिए अधिक से अधिक जांच कराने के साथ हर सैंपल की जिनोम सिक्वेंसिंग कराने की बात कही है।
यूपी बॉर्डर हो गया संवेदनशील
यूपी में बिहार बॉर्डर से 55 KM दूर कोरोना के नए वैरिएंट के मिलने से सीमावर्ती जिले संवेदनशील हैं। इन जिलों में नए संक्रमितों की जांच होनी चाहिए और कोविड पॉजिटिव होने के बाद उनका सैंपल जिनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजा जाना चाहिए।
पटना मेडिकल कॉलेज के माइक्रो वायरोलॉजी विभाग के HOD डॉ सत्येंद्र सिंह का हना है कि बॉर्डर के आसपास अगर कोई केस मिला है तो संबंधित इलाकों के कोरोना पॉजिटिव की जिनोम सिक्वेंसिंग कराई जानी चाहिए। एक्सपर्ट का कहना है कि बिहार में मौजूदा समय में कम मामले आ रहे हैं। अगर सभी को आइसोलेट कर जिनोम सिक्वेंसिंग कराया जाए तो नए स्ट्रेन को फैलने से रोका जा सकता है।
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