[ad_1]
Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
भागलपुर25 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
पहचानिए इस हैवान काे
- सरकारी-निजी अस्पतालों में हैवानियत, महिलाओं की अस्मत भी सुरक्षित नहीं
कोरोना मरीजों के इलाज के बीच अस्पतालों में हैवानियत नाच रही है। मधुबनी जिले की एक महिला ने राजेश्वर हॉस्पिटल पटना में कोरोना से अपने पति रोशनचंद्र दास की मौत के बाद भागलपुर और पटना के सरकारी व निजी अस्पतालों का बदनुमा चेहरा उजागर किया है। उन्होंने भागलपुर के ग्लोकल, मायागंज और राजेश्वर हॉस्पिटल के कर्मियों पर छेड़खानी का आरोप लगाया है। रुचि रोशन का कहना है कि ग्लोकल हॉस्पिटल में कम्पाउंडर ज्योति कुमार ने उनका दुपट्टा खींचा और गलत हरकत करने की कोशिश की।
यहां से बचकर पति को मायागंज अस्पताल ले गई तो यहां भी लापरवाही हुई। यहां आईसीयू में ऑक्सीजन की पाइप हट गई तो रात में डॉक्टर देखने की बजाय मोबाइल पर ड्यूटी रूम में मूवी देखते रहे। मिन्नतों के बाद एक डॉक्टर ने पाइप लगाया। फिर यहां से राजेश्वर हॉस्पिटल पटना ले गई तो डॉ. अखिलेश ने छेड़खानी की। कोरोना संकट के बीच अस्पतालों में चल रहे इस गंदे खेल के उजागर होते ही भागलपुर पुलिस हरकत में आ गई। पुलिस ने सोमवार रात ग्लोकल हॉस्पिटल में जांच की। सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले जा रहे हैं। आरोप और जांच के बीच सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर महिलाएं कहां सुरक्षित हैं? महामारी के इस संकट में पहले ही इलाज, दवा, ऑक्सीजन की कमी से मौतें हो रही हैं। ऐसे में उनके घरों की महिलाओं की अस्मत भी अस्पतालों में सुरक्षित नहीं?
सवाल- कोरोना के संकट में अस्पतालों में महिलाएं भी सुरक्षित नहीं?
ग्लोकल में ज्योति कुमार ने खींच लिया दुपट्टा
रुचि और रोशन नाेएडा से हाेली पर रिश्तेदार के घर भागलपुर आए थे। शुरुआती लक्षण के बाद रोशन का कोरोना टेस्ट निगेटिव आया, लेकिन सीटी स्कैन में 50% फेफड़ा संक्रमित मिला। मां भी बीमार हो गई। रुचि ने 17 अप्रैल को दोनों को ग्लाेकल की आईसीयू में भर्ती कराया। यहां उन्हें पानी भी नहीं मिल रहा था। रुचि ने बताया, एक रात रोशन ने बेड पर ही शौच कर दिया। वे घंटों गंदे बेड पर पड़े रहे, लेकिन सफाई नहीं हुई। वह खुद बेड साफ करने लगी, तभी कम्पाउंडर ज्योति कुमार ने कहा, मैं आपके पति की देखभाल करूंगा। इसी बीच उसने रुचि का दुपट्टा खींचा। कमर पर हाथ रख दिया। वह डर गई। रोई, पर पति के लिए चुप रही। डॉक्टर ने रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाने में आधा गिरा दिया। पूछा तो बोले-50 हजार की दवा भी गिरा दूं तो कुछ नहीं कर सकोगी।
[ad_2]
Source link