Home Bihar सीतामढ़ी में DCLR के परफॉर्मेंस से DM नाराज: फरवरी का वेतन भी स्थगित, मांगा गया स्पष्टीकरण; बेलसंड DCLR सबसे पीछे

सीतामढ़ी में DCLR के परफॉर्मेंस से DM नाराज: फरवरी का वेतन भी स्थगित, मांगा गया स्पष्टीकरण; बेलसंड DCLR सबसे पीछे

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सीतामढ़ी में DCLR के परफॉर्मेंस से DM नाराज: फरवरी का वेतन भी स्थगित, मांगा गया स्पष्टीकरण; बेलसंड DCLR सबसे पीछे

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सीतामढ़ी21 मिनट पहले

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सांकेतिक तस्वीर। - Dainik Bhaskar

सांकेतिक तस्वीर।

सीतामढ़ी में विभागीय कार्यों के निबटारे में जिले के तीनों डीसीएलआर काफी पिछड़ गए हैं। गौरतलब है कि राज्य स्तर पर हर माह डीसीएलआर के कार्यों का मूल्यांकन कर उनकी रैंकिंग तय की जाती है। जानकर हैरानी होगी कि इस रैंकिंग में तीनों डीसीएलआर टॉप टेन तो दूर फिफ्टी में भी शामिल नही है। जनवरी की रैंकिंग रिपोर्ट जिला प्रशासन को मिली है। रिपोर्ट देख डीएम सुनील कुमार यादव काफी खफा है। रैंकिंग में एक भी डीसीएलआर की उपलब्धि संतोषजनक नहीं रही है.

डीसीएलआर सदर का 77 वां रैंक
राज्य स्तरीय रैंकिंग में बेलसंड डीसीएलआर को 100 वां रैंक हासिल हुआ है. सदर डीसीएलआर का 77 वां रैंक है. इन दोनों से बेहतर रैंक पुपरी डीसीएलआर का है। यानी वे 64 वां रैंक हासिल किये है। डीएम ने उक्त निराशाजनक उपलब्धि के लिए तीनों डीसीएलआर से स्पष्टीकरण पूछा है। इस आशय के जारी पत्र में डीएम ने तीन दिनों के अंदर जवाब देने को कहा है कि क्यों नही उक्त शिथिलता के लिए कार्रवाई को विभाग को लिखा जाये। यह भी कहा है कि स्पष्टीकरण पर कोई निर्णय होने तक तीनों का फरवरी-22 का वेतन भुगतान स्थगित रहेगा।

इन कार्यों पर होती है रैंकिंग तय
गौरतलब है कि राज्य सरकार के स्तर पर दाखिल – खारिज, परिमार्जन, लगान वसूली, अंचल के हल्का का निरीक्षण, बिहार भूमि विवाद निराकरण, दाखिल – खारिज अपील वाद एवं अतिक्रमण आदि कार्यों के निष्पादन व निगरानी की समीक्षा की जाती है और उपलब्धि के आधार पर डीसीएलआर की रैंकिंग तय की जाती है. उक्त रैंकिंग जनवरी – 22 की है. निराशाजनक रैंकिंग को डीएम ने कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही का मामला मानने के साथ कार्य के प्रति उदासीनता का द्योतक माना है।

क्या कहते हैं अधिकारी
रिपोर्ट देख मुझे भी हैरानी हुई है, जबकि बेलसंड में दाखिल-खारिज व अन्य मामलों का काफी निष्पादन किया गया है। उसकी रिपोर्ट भेजी गई थी। राज्य स्तर पर कई कॉलम में जीरो-जीरो अंकित कर दिया गया है। पटना में ही रिपोर्ट तैयार करने एवं रैंकिंग निर्धारित करने में गड़बड़ी की गई है।

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